मुंबई, 29 मई (भाषा) ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत सरकार की आलोचना वाली सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार छात्रा जमानत मिलने के बाद आवश्यक सुरक्षा के बीच अपनी सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हुई। छात्रा की वकील ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी।
बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा को जमानत दी थी, तथा “उसका जीवन बर्बाद करने” तथा उसे ‘कट्टर अपराधी’ के तौर पर देखने के लिए महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
अदालत ने जम्मू-कश्मीर की मूल निवासी छात्रा को तुरंत पुणे की यरवदा जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने छात्रा को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया, जिससे वह अपनी कॉलेज परीक्षाओं में बैठ सके। साथ ही उसने उसे स्पष्टीकरण देने का मौका दिए बिना जल्दबाजी में निष्कासित करने के कारण सिंहगढ़ एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग को भी फटकार लगाई।
छात्रा के साथ कॉलेज आए उसके चाचा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘कॉलेज प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी। उसे एक अलग कमरा आवंटित किया गया था, जहां वह परीक्षा देने गई। उसने दोपहर 12:30 बजे अपना पेपर समाप्त किया और उसके बाद हम घर लौट आए।’
सिंहगढ़ एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य किशोर पाटिल ने ‘पीटीआई भाषा’ द्वारा प्रतिक्रिया मांगने पर कहा, ‘माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, उसकी परीक्षा एक अलग कक्षा में आयोजित की गई है।’
छूटे हुए पेपर के बारे में पूछने पर छात्रा के चाचा ने कहा कि परिवार देखेगा कि सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय इस संबंध में क्या निर्णय लेता है।
बुधवार को कॉलेज प्रशासन ने कहा था कि सेमेस्टर पेपर देने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
कॉलेज प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि उसकी परीक्षा के लिए एक अलग पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा तथा उसकी सुरक्षा के लिए परिसर में दो सुरक्षा गार्ड, एक पुरुष और एक महिला, उसके साथ रहेंगे।
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश
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