पटनाः मजदूर संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को वामपंथी दलों ने बिहार बंद का आह्रान किया है, जिसका राज्य में मिला-जुला असर देखा जा रहा है. बंद के कारण आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया. बंद को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) का भी समर्थन मिला है.
वामदलों के साथ-साथ हम के कार्यकर्ता भी बुधवार सुबह से ही सड़कों पर उतर आए और कई क्षेत्रों में सड़क जाम कर दी, जिससे आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया. कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने ट्रेनों का परिचालन भी बाधित किया.
बंद समर्थक राजधानी पटना के इनकम टैक्स गोल बंदर पर प्रदर्शन करते हुए डाक बंगला चौराहा पहुंचे ओर नारेबाजी की. राजधानी के साथ-साथ राज्य के कई जिलों में वामदलों के कार्यकर्ताओं ने आवागमन बाधित कर बाजार बंद कराया. राजधानी के कई इलाकों में ऑटो के परिचालन न होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भाकपा (माले) समर्थकों ने जहानाबाद में इंटर सिटी एक्सप्रेस को रोक कर गया-पटना रेल खंड पर यातायात बाधित कर दिया. आरा, दरभंगा, सीवान, अरवल, गया, नालंदा, भागलपुर सहित कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने सड़क यातायात को बाधित किया.
बिहार बंद की प्रमुख मांगों में श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय सुधारों को वापस लेने, सभी के लिए न्यूनतम वेतन 18 हजार का प्रावधान करने, समान काम के लिए समान वेतन लागू करने, पुरानी पेंशन नीति बहाल करने, महंगाई पर रोक लगाने, धान खरीद की गारंटी करने, मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने, भावंतर योजना लागू करने, किसानों के सभी कर्जे माफ करने, अपराध पर रोक लगाने, शेल्टर होम मामले में राजनीतिक संरक्षण की जांच कराने, बेरोजगारी भत्ता देने आदि मांगें शामिल हैं.
दरभंगा में राष्ट्रीय राजमार्ग 57 को सिमरी में जाम किया गया, जबकि बहादुरपुर के तारालाही में दरभंगा-समस्तीपुर रोड जाम किया. मधुबनी में वामदलों के कार्यकर्ताओं ने एनएच-57 और एनएच-104 को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
भाकपा (माले) के कार्यालय सचिव कुमार परवेज ने बंद को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि बंद में आम लोगों का भी साथ मिला है.