लखनऊ, दो मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को निर्देश दिया है कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाए और कर चोरी की रोकथाम के लिए कठोरतम एवं सुनियोजित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया , “कर चोरी राष्ट्रीय क्षति है। इसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। विभागीय स्तर पर कर अपवंचन की रोकथाम के लिए कठोरतम और सुनियोजित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”
समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागी बनें, कर प्रणाली में नवाचारों को अपनाएं और ईमानदार करदाताओं को हरसंभव सुविधा एवं सम्मान प्रदान करें।
बयान के अनुसार बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य कर विभाग ने 1,14,637.54 करोड़ रुपये का संग्रहण किया। अब चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नए वित्त वर्ष के प्रथम माह अप्रैल में 9,986.15 करोड़ रुपये का जीएसटी/वैट संग्रहण हुआ। इसे संतोषप्रद बताते हुए आने वाले महीनों में लक्ष्य के सापेक्ष इसे और बेहतर किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ज़ोन जैसे गौतमबुद्ध नगर, अयोध्या, लखनऊ द्वितीय, अलीगढ़, कानपुर प्रथम और झांसी ने अप्रैल में 60 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य अर्जित कर सराहनीय कार्य किया है। लखनऊ द्वारा 71.66 प्रतिशत की लक्ष्य प्राप्ति की गई है जबकि कुछ ज़ोन, कॉर्पोरेट सर्किल और सेक्टरों में अपेक्षित संग्रह न हो पाने पर मुख्यमंत्री ने सुधार की आवश्यकता जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा, “वाराणसी, इटावा,, गोरखपुर, कानपुर द्वितीय और आगरा जैसे ज़ोन/कॉर्पोरेट सर्किलों को और अधिक परिणामोन्मुखी कार्य करना होगा। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और जालौन के कुछ सेक्टरों में भी सुधार की आवश्यकता है। संबंधित अधिकारियों को ठोस और क्षेत्रीय कार्ययोजना बनाकर निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।”
योगी आदित्यनाथ ने विभाग को निर्देश दिया कि वह तकनीकी सशक्तीकरण की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि ‘आईटी टूल्स’, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ और ‘डेटा एनालिटिक्स’ का अधिकाधिक उपयोग कर न केवल संग्रहण क्षमता बढ़ाई जाए, बल्कि करदाताओं को एक सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद अनुभव भी प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारी व्यापारियों से संवाद बनाये रखें और समय से सही ‘रिटर्न फाइल करने’ में यथासंभव सहायता करें।
शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार नगर विकास विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति जानने के लिए विशेष क्षेत्र निरीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए राज्य स्तरीय अधिकारियों और पीएमयू (परियोजना प्रबंधन इकाई) की संयुक्त विशेष टीमें गठित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई के आधार पर हो। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए नगर विकास विभाग ने क्षेत्र निरीक्षण को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है।
भाषा आनन्द
राजकुमार
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