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Sunday, 22 December, 2024
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भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी को मजबूत करना बाइडन प्रशासन की प्राथमिकता: ऑस्टिन

ऑस्टिन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने जब मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था को लेकर चुनौती पैदा हो गई है, तब समान सोच वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.

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नई दिल्ली: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत और अमेरिका के संबंधों को मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का केंद्र बताते हुए शनिवार को कहा कि दोनों देशों की रक्षा साझेदारी बाइडन प्रशासन की प्राथमिकता है.

ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापक मामलों पर वार्ता के बाद कहा कि भारत तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है और अमेरिका क्षेत्र के लिए अपने रुख के मुख्य स्तम्भ के तौर पर भारत के साथ समग्र एवं प्रगतिशील रक्षा साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध है.

ऑस्टिन ने इस सप्ताह ग्वालियर में मिग-21 बाइसन विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन की मौत पर शोक व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले, मैं इस सप्ताह की शुरुआत में हुए उस दु:खद हादसे के लिए गहरा शोक व्यक्त करता हूं, जिसमें भारतीय वायुसेना के एक जवान की जान चली गई थी.’

बुधवार को हुए इस हादसे में ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता की जान चली गई थी.

ऑस्टिन ने कहा, ‘हमारी संवेदनाएं उनके परिजन एवं मित्रों के साथ हैं… और उनकी मौत हमें उन जोखिमों की याद दिलाती है, जो हमारे जवान हमारे लोकतंत्रों, हमारे लोगों और हमारी जीवन-शैली की रक्षा के लिए रोजाना उठाते हैं.’

ऑस्टिन तीन देशों की यात्रा के कार्यक्रम के तहत जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद भारत आए हैं. यह यात्रा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की क्षेत्र में अपने निकट सहयोगियों एवं साझेदारों के साथ संबंधों को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

ऑस्टिन ने सिंह की मौजूदगी में मीडिया को दिए बयान में कहा, ‘मैं भारत के साथ समग्र एवं प्रगतिशील रक्षा साझेदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की क्षेत्र में हमारे रुख के मुख्य स्तम्भ के तौर पर पुन: पुष्टि करता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया वैश्विक महामारी और एक खुली एवं स्थायी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के समक्ष बढ़ती चुनौती का सामना कर रही हैं. ऐसे में, भारत और अमेरिका के संबंध मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का केंद्र हैं.’

ऑस्टिन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने जब मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था को लेकर चुनौती पैदा हो गई है, तब समान सोच वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.

उन्होंने कहा, ‘हमने क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग, सेनाओं के बीच भागीदारी और रक्षा व्यापार के जरिए भारत एवं अमेरिका के बीच उस बड़ी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की, जो बाइडन-हैरिस प्रशासन की प्राथमिकता है.’

ऑस्टिन ने कहा, ‘इसके अलावा, हम सूचना के आदान-प्रदान, साजो-सामान संबंधी सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष एवं साइबर जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग समेत गठजोड़ के नए क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं.’

ऑस्टिन ने कहा कि सिंह के साथ उन्होंने दोनों देशों के लिए अहम कई सुरक्षा मामलों पर ‘सार्थक’ वार्ता की.

उन्होंने कहा, ‘जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों और मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो ऐसे में समान सोच रखने वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की रक्षा की खातिर अहम है.’

ऑस्टिन ने कहा, ‘आज के चुनौतीपूर्ण सुरक्षा माहौल के बावजूद, दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों- अमेरिका एवं भारत की साझेदारी मजबूत बनी हुई है और हम इस बड़ी साझेदारी को और मजबूत करने का हर अवसर तलाशेंगे.’

उन्होंने अपनी भारत यात्रा के बारे में कहा, ‘मैं हमारे सहयोगियों एवं साझेदारों के प्रति हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को लेकर बाइडन-हैरिस प्रशासन का संदेश पहुंचाना चाहता था.’

उन्होंने कहा, ‘विशेषकर भारत आज तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है.’

ऑस्टिन ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन टिप्पणियों का भी जिक्र किया कि भारत ‘नौवहन एवं उड़ान भरने की स्वतंत्रता, बिना किसी रोक-टोक के वैध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन’ के समर्थन में खड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है और यह स्पष्ट है कि इस साझेदारी की महत्ता एवं अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था पर इसका प्रभाव आगामी वर्षों में और बढ़ेगा.’

ऑस्टिन ने बताया कि दोनों नेताओं ने क्वाड और आसियान जैसे कई देशों के समूहों के जरिए समान सोच रखने वाले साझेदारों के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की.

इससे पहले, ऑस्टिन शनिवार सुबह राष्ट्रीय समर स्मारक गए और भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वार्ता से पहले उन्हें विज्ञान भवन परिसर में सलामी गारद दिया गया.

ऑस्टिन ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी वार्ता की थी.


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