scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशबैंकों के फंसे कर्ज में अगले छह महीनों में काफी वृद्धि हो सकती है: रघुराम राजन

बैंकों के फंसे कर्ज में अगले छह महीनों में काफी वृद्धि हो सकती है: रघुराम राजन

कोविड-19 और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उनमें से कई कर्ज की किस्त लौटाने में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि अगले छह महीने में बैंकों के फंसे कर्ज यानी एनपीए में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि समस्या को जितनी जल्दी पहचान लिया जाए, उतना अच्छा होगा.

कोविड-19 और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उनमें से कई कर्ज की किस्त लौटाने में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं.

राजन ने ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड एकोनॉमिक रिसर्च’ (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित ‘इंडिया पॉलिसी फोरम’ 2020 के एक सत्र में कहा, ‘अगर हम वाकई में एनपीए के वास्तविक स्तर को पहचाने तो अगले छह महीने में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) का स्तर काफी अप्रत्याशित होने जा रहा है…हम समस्या में हैं और जितनी जल्दी इसे स्वीकार करेंगे, उतना बेहतर होगा. क्योंकि हमें वाकई में इस समस्या से निपटने की जरूरत है.’

मंगलवार को प्रकाशित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक सुधारों पर एक लेख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जनधन खातों की सफलता की बात कही गयी है लेकिन कुछ अर्थशास्त्रियों की राय इससे अलग हैं.


यह भी पढ़ें: के कामराज : आजाद भारत का पहला ‘किंगमेकर’ जिसने संगठन की चूलें कसने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था


राजन ने कहा, ‘हमें अभी भी लक्षित लोगों को लाभ अंतरण करने में कठिनाई हो रही है. लोग अभी भी सार्वभौमिकरण की बात कर रहे हैं क्योंकि हम लक्ष्य नहीं कर सकते. (जैसा कि आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजय जोशी ने रेखांकित किया है). जनधन ने उस रूप से काम नहीं किया जैसा कि इसका प्रचार-प्रसार किया गया.’

हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की एक सकारात्मक चीज कृषि क्षेत्र है जो वास्तव में अच्छा कर रहा है.

राजन ने कहा, ‘निश्चित रूप से सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया है. इन सुधारों की लंबे समय से बात हो रही थी. उसके सही तरीके से क्रियान्वयन होने से अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को लाभ होगा.’

share & View comments