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Sunday, 28 April, 2024
होमदेशएक राजनेता, कलाकार और दोस्त— देखें पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के जीवन की कुछ दुर्लभ झलकियां

एक राजनेता, कलाकार और दोस्त— देखें पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के जीवन की कुछ दुर्लभ झलकियां

27 नवंबर 2008 को अंतिम सांस लेने वाले वीपी सिंह ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी. लेकिन पूर्व पीएम के व्यक्तित्व के और भी पहलू थे जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.

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नई दिल्ली: पंद्रह साल पहले विश्वनाथ प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिंह – जिन्होंने 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था – ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करके भारतीय राजनीति की दिशा पूरी तरीके से बदल दी.

उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि एक समय में हिंदी पट्टी के बच्चे भी यह नारा जानते थे: ‘राजा नहीं फकीर है, देश की तकदीर है.’ 

दिप्रिंट के नेशनल फोटो एडिटर प्रवीण जैन ने यहां उनके बारे में विवरण दिया है, जिसमें उन सालों में वी.पी. सिंह के साथ उनकी कुछ मुलाकातें शामिल हैं:

सक्रिय राजनीति में पूरे समय वी. पी. सिंह अपनी छवि को लेकर बहुत सचेत रहे. 1989 के लोकसभा चुनावों से पहले, तत्कालीन कांग्रेस के बागी, ​​जिन्होंने फ़तेहपुर से अपना नामांकन दाखिल किया था, प्रचार अभियान के दौरान इलाहाबाद में थे. दिन भर के व्यस्त चुनाव प्रचार के बाद, मैंने सिंह को आराम करने के लिए सोफे पर लेटे हुए देखा और दूर से उस पल को कैद कर लिया. अगली बात जो मुझे याद आती है वह एक चौंका देने वाली बात है. मैंने देखा कि सिंह मेरा पीछा कर रहे हैं. उन्होंने सोचा कि उनकी थकी हुई तस्वीर उनके राजनीतिक विरोधियों को उन पर निशाना साधने का बहाना दे सकती है.

एक और घटना जो दिमाग में आती है वह 1988 की है. वी पी सिंह, रामकृष्ण हेगड़े, एनटीआर और अटल बिहारी वाजपेयी सहित अन्य लोगों के साथ नेशनल फ्रंट की दोपहर के भोजन की बैठक में भाग ले रहे थे. मैंने सिंह की थाली में एक मांसाहारी व्यंजन देखा और उसकी तस्वीर खींच ली. जैसे ही उसने फ्लैश देखा, क्रोधित सिंह ने मेरी ओर आते हुए अपनी प्लेट पटक दी.

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यह तो मानना ​​ही पड़ेगा कि वी. पी. सिंह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. उन्हें पेंटिंग करना बहुत पसंद था और एक बार वह मेरे साथ अपनी पेंटिंग पर चर्चा करने के लिए इंडियन एक्सप्रेस के फोटो सेक्शन में भी आए थे. वह कभी-कभी मुझे अपने घर पर बुलाते थे, भले ही मेरे कैमरे के बिना, और अपनी कलाकृति के बारे में मेरी राय लेते थे. 

एक चतुर राजनीतिज्ञ होते हुए भी उन्होंने रिश्तों को निभाने की कला में भी महारत हासिल की.

जब मैंने 1 जनवरी, 2000 को एक फोटो प्रदर्शनी आयोजित करने का निर्णय लिया, तो मैं चाहता था कि अटल बिहारी वाजपेयी इसका उद्घाटन करें लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री की अन्य व्यस्तताएं थीं. जब मैंने वी.पी. सिंह से संपर्क किया और उनसे इसका उद्घाटन करने के लिए कहा, तो उन्होंने अपनी नए साल का प्लान रद्द कर दिया और उसमें शामिल हुए. उसी फोटो प्रदर्शनी के बाद सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की.

कोई भी यह सोचे बिना नहीं रह सकता कि सिंह, जो अपने सुनहरे दिनों में मीडिया के प्रिय थे, को उनकी मृत्यु के समय उनका उचित हक कैसे नहीं मिला. वी पी सिंह की 27 नवंबर, 2008 को मृत्यु हो गई, जब देश 26/11 के हमलों से निपट रहा था. इसलिए, उनके निधन की खबर हमलों की गंभीरता के नीचे दब गई और रंगीन अध्यायों से भरी जिंदगी का एक दुखद अंत हो गया.

उनका कद ऐसा था कि एक बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुझसे उन दो भारतीयों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए कहा था जिनके वे प्रशंसक हैं. वो दो व्यक्ति थे- अभिनेता धर्मेंद्र और वी.पी. सिंह.

हालांकि हमारी जान-पहचान में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मुझे याद है कि सिंह ने अंतिम सांस लेने से कुछ दिन पहले मुझे अपोलो अस्पताल में बुलाया था. यह तब था जब सिंह, जो अन्यथा मेरे कैमरे के लेंस से सावधान रहते थे कि कहीं मैं उन्हें पकड़ न लूं, ने मुझे उनकी मृत्यु शय्या पर उनकी कुछ तस्वीरें खींचने की अनुमति दे दी.

VP Singh standing outside Parliament | Photo: Praveen Jain
संसद के बाहर खड़े वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
Sonia Gandhi with bêtes noires VP Singh and Chandra Shekhar | Photo: Praveen Jain
वीपी सिंह और चंद्रशेखर के साथ सोनिया गांधी | फोटो: प्रवीण जैन
An amused VP Singh looks on as then Congress president Sitaram Kesri greets Sonia Gandhi | Photo: Praveen Jain
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी सोनिया गांधी का स्वागत करते हुए और आश्चर्यचकित वीपी सिंह खड़े | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh resting after a hectic day of campaigning ahead of 1989 Lok Sabha polls | Photo: Praveen Jain
1989 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रचार के एक व्यस्त दिन के बाद आराम करते हुए वी.पी. सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh walking in the garden at his residence, with a lone follower | Photo: Praveen Jain
वीपी सिंह अपने एक अकेले शिष्य के साथ अपने आवास के बगीचे में टहल रहे हैं | फोटो: प्रवीण जैन
Leaders from across the political spectrum, including VP Singh, L.K. Advani and Atal Bihari Vajpayee, among others, supporting the candidature of K.R. Narayanan for president | Photo: Praveen Jain
वीपी सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, एल.के. आडवाणी सहित अन्य नेता के.आर. नारायणन की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए | फोटो: प्रवीण जैन
Leaders of the National Front alliance: NTR, Chandra Shekhar, L.K. Advani, Atal Bihari Vajpayee and VP Singh, among others | Photo: Praveen Jain
राष्ट्रीय मोर्चा गठबंधन के नेता: एनटीआर, चंद्रशेखर, एल.के. आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई और वीपी सिंह समेत अन्य | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh with Rajiv Gandhi | Photo: Praveen Jain
राजीव गांधी के साथ वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh with former Deputy PM Devi Lal during latter's birthday party at Delhi's Boat Club | Photo: Praveen Jain
दिल्ली के बोट क्लब में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की जन्मदिन पार्टी के दौरान उनके साथ वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
Devi Lal and VP Singh at Boat Club in Delhi on 25 September, 1989 | Photo: Praveen Jain
25 सितंबर 1989 को दिल्ली के बोट क्लब में देवी लाल और वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh at an Iftar party hosted by Ram Vilas Paswan | Photo: Praveen Jain
राम विलास पासवान द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
(L-R) Former prime ministers VP Singh, IK Gujral, PV Narasimha Rao and Chandra Shekhar | Photo: Praveen Jain
(बाएं से दाएं) पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, आईके गुजराल, पीवी नरसिम्हा राव और चंद्र शेखर | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh with Benazir Bhutto and Sheikh Hasina during meeting of opposition leaders from SAARC member states, in Karachi | Photo: Praveen Jain
कराची में सार्क देशों के विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान बेनजीर भुट्टो और शेख हसीना के साथ वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh signing the back of one of his paintings titled 'Downtrodden' | Photo: Praveen Jain
वीपी सिंह अपनी एक पेंटिंग ‘डाउनट्रोडेन’ के पीछे हस्ताक्षर करते हुए | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh clicking photos of a woman in Karachi in 1992 | Photo: Praveen Jain
वीपी सिंह 1992 में कराची में एक महिला की तस्वीरें खींचते हुए | फोटो: प्रवीण जैन
Advani, then a cabinet minister in the Vajpayee government, with VP Singh after taking the oath of office in 1998 | Photo: Praveen Jain
1998 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वीपी सिंह के साथ आडवाणी, जो उस समय वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh with HD Deve Gowda at former's residence in 1996 | Photo: Praveen Jain
1996 में आवास पर एचडी देवेगौड़ा के साथ वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन
VP Singh at Apollo Hospital in Delhi days before he breathed his last on 27 November, 2008 | Photo: Praveen Jain
27 नवंबर 2008 को अंतिम सांस लेने से कुछ दिन पहले दिल्ली के अपोलो अस्पताल में वीपी सिंह | फोटो: प्रवीण जैन

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