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Tuesday, 23 September, 2025
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चेक बाउंस मामलों के निपटान में तेजी लाने संबंधी कदमों के बारे में बताएं राज्य: न्यायालय

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नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेक बाउंस मामलों के निपटान में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने परक्राम्य लिखत (एनआई) अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत मामलों की शीघ्र सुनवाई से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

अधिनियम की धारा 138 खाते में धनराशि की कमी आदि के कारण चेक का भुगतान नहीं होने से संबंधित है।

न्याय मित्र के रूप में न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने उच्चतम न्यायालय के मई 2022 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें एक प्रायोगिक अध्ययन के रूप में, इन मामलों के शीघ्र निपटान के लिए पांच राज्यों में सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की सेवाएं लेते हुए 25 विशेष अदालतों के गठन का निर्देश दिया गया था।

लूथरा ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि प्रायोगिक परियोजना जारी है या नहीं।’

लूथरा ने कहा कि उन्होंने इस मामले में एक आवेदन दायर किया है।

उन्होंने कहा, ‘हम एक स्थिति रिपोर्ट चाहते हैं जिसमें रिक्तियों व नियुक्तियों से संबंधित डेटा के निपटान के लिए उठाए गए कदमों का विवरण हो।’

पीठ ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को छह सप्ताह में आवश्यक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

अदालत ने मामले को छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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