नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि सभी राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई पांच साल के लिए और होनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि नई व्यवस्था से तेलंगाना को हर साल 7000 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का अनुमान है।
रेड्डी ने केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह उन माओवादियों से बातचीत करे, जो मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं।
उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह आतंकवादियों और पाकिस्तानी एजेंसियों से बातचीत कर सकती है, तो भारतीय के नागरिकों से क्यों नहीं कर सकती।
उनका कहना था, ‘‘कानून-व्यवस्था की रक्षा करनी होगी, लेकिन सरकार को दया भाव दिखाना होगा।…व्यक्तियों को मारना कोई समाधान नहीं है।’’
जीएसटी परिषद द्वारा जीएसटी की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन को मंजूरी दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर, रेड्डी ने कहा कि सभी राज्यों को पांच साल की अवधि के लिए मुआवज़ा दिया जाना चाहिए, क्योंकि दरों में कमी से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई व्यवस्था से तेलंगाना को प्रति वर्ष लगभग 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा और इसकी भरपाई की जानी चाहिए।’’
रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्य विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से के. कविता के इस्तीफे को केसीआर परिवार का आंतरिक मामला बताया और दावा किया कि तेलंगाना ने के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि यह झगड़ा सिर्फ जमीन और जायदाद के लिए है तथा इसका तेलंगाना से कोई लेनादेना नहीं हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास लंबित आरक्षण से संबंधित तेलंगाना के तीन विधेयकों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर उच्चचतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी।
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