श्रीनगर, 22 दिसंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर में सक्रिय एक नागरिक समाज समूह ने रविवार को केंद्र सरकार से अपील की कि केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी न की जाए।
समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘ द ग्रुप ऑफ कंसर्न्ड सिटिजन्स (जीसीसी) जम्मू और कश्मीर ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में हो रही देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अब इसे विलंबित न करे, खासकर माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश (दिसंबर 2023 में) के मद्देनजर।’’
उन्होंने शासन की गुणवत्ता और इसके परिणामस्वरूप लोगों की भलाई पर ‘दोहरे नियंत्रण’ प्रणाली के प्रतिकूल प्रभाव के प्रति भी आगाह किया।
समूह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को छह वर्षों से अधिक समय तक प्रतिनिधि सरकार के अभाव में अनावश्यक रूप से कष्ट उठाना पड़ा है।
इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार को लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए। तभी नवनिर्वाचित सरकार को उनकी वैध मांगों, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकेगा।’’
जीसीसी ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने में और अधिक देरी या टालमटोल प्रतिकूल परिणाम देने वाला होगा तथा यह जम्मू कश्मीर और देश के व्यापक हित में नहीं होगा।
जीसीसी में न्यायविद, पूर्व कुलपति, शिक्षाविद, सिविल सेवक और व्यापार प्रमुख सहित समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं।
भाषा
शुभम धीरज
धीरज
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