चेन्नई, 17 फरवरी (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने बृहस्पतिवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य के लिए एक अलग प्रेस परिषद के गठन को लेकर अपनी सहमति दे दी है, जैसा कि अदालत ने पूर्व में निर्देश दिया था।
तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (प्रतिमा चोरी रोधी इकाई-सीआईडी) ए जी पोन मनिकवेल के खिलाफ विभिन्न आरोप लगा चुके और खुद को पत्रकार बताने वाले एस सेकरन ने अदालत में रिट याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 19 अगस्त 2021 को नयी दिल्ली में भारतीय प्रेस परिषद के अतिरिक्त मीडियाकर्मियों को विनियमित करने के लिए एक अलग निकाय बनाने का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा था कि राज्य प्रेस परिषद की अध्यक्षता शीर्ष अदालत या राज्य उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों द्वारा की जानी चाहिए और इस निर्देश का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया था।
मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई होने पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से एक जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री ने अलग प्रेस परिषद के गठन के लिए अपनी सहमति दे दी है।
हलफनामे में कहा गया कि मान्यता नियमों में समय के साथ संशोधन किया गया है और राज्य सरकार के कानून विभाग तथा उच्च न्यायालय से जुड़े विधि अधिकारी द्वारा इसका अवलोकन किया गया है। संशोधित तमिलनाडु राज्य समाचार मीडिया प्रत्यायन नियम 2021 एक सरकारी आदेश के माध्यम से जारी किया जाएगा। पीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
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