लखनऊ: अयोध्या के राम मंदिर में तैनात 25-वर्षीय एक कांस्टेबल की बुधवार सुबह इंसास राइफल से चली गोली से मौत हो गई.
अयोध्या पुलिस के अनुसार, मामले की शुरुआती जांच में आत्महत्या की बात सामने आई है, हालांकि, वे दुर्घटनावश गोली चलने या अन्य संभावनाओं से भी इनकार नहीं कर रहे हैं.
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कांस्टेबल शत्रुघ्न विश्वकर्मा के सहकर्मियों ने राम मंदिर परिसर में निर्माणाधीन वीआईपी प्रवेश द्वार के पास सुबह करीब 5:25 बजे गोली चलने की आवाज़ सुनी. उन्होंने सिपाही को खून से लथपथ पाया.
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकुमार नैयर ने बताया कि पुलिस को साथी सुरक्षाकर्मियों ने सूचना दी कि कांस्टेबल ने खुद को गोली मार ली है. नैयर ने कहा, “उन्हें तुरंत दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया. जांच जारी है. बाद में और जानकारी साझा की जाएगी.”
अयोध्या के एक अधिकारी ने कहा कि घटना से कुछ देर पहले विश्वकर्मा अपने मोबाइल फोन को घूर रहे थे. 2019 में भर्ती हुए विश्वकर्मा अयोध्या मंदिर में विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के हिस्से के रूप में तैनात थे.
उनके बड़े भाई दिलीप कुमार ने मीडिया को बताया, वे उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर जिले के खाजपुर गांव के रहने वाले थे और पांच भाइयों में चौथे नंबर के थे. कुमार ने यह भी कहा कि परिवार गोलीबारी की विस्तृत जांच चाहता है.
हालांकि, विश्वकर्मा की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन राम मंदिर परिसर में दुर्घटनावश गोली चलने या आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है.
26 मार्च को प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की 32वीं बटालियन के प्लाटून कमांडर राम प्रताप गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जब उनकी एके-47 राइफल से गलती से गोली चल गई और उनके सीने में जा लगी थी. हालांकि, प्रताप भाग्यशाली रहे कि लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में इलाज के बाद उनकी जान बच गई.
पिछले साल 25 अगस्त को राम जन्मभूमि परिसर के अंदर अपनी सर्विस राइफल से गोली लगने से पीएसी के एक कांस्टेबल की मौत हो गई थी.
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