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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशशिवपाल की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के बीच उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष बनाये जाने की अटकलें तेज

शिवपाल की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के बीच उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष बनाये जाने की अटकलें तेज

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लखनऊ, चार अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनाव चिह्न पर विधायक चुने गये और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-(लोहिया) (पीएसपीएल) के अध्यक्ष शिवपाल यादव की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बढ़ती नजदीकियों की खबरों के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भाजपा की मदद से विधानसभा उपाध्यक्ष बन सकते हैं।

पीएसपीएल के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राजनीति में संभावनाओं के द्वार कभी बंद नहीं होते। शिवपाल जी एक अनुभवी विधायक हैं और राज्‍य सरकार में मंत्री रहने के साथ ही वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका का निर्वाह भी कर चुके हैं।’’

मिश्रा ने कहा कि अगर उन्हें यह (विधानसभा उपाध्यक्ष) जिम्मेदारी मिलती है तो इससे विधानसभा की गरिमा बढ़ेगी। बहरहाल, मिश्रा ने यह भी साफ किया कि अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रस्‍ताव नहीं आया है और अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आएगा तो शिवपाल सत्ता पक्ष और विपक्ष की पहली पसंद होंगे।

उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सैनी से ‘पीटीआई-भाषा’ ने जब इस संदर्भ में बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

इससे पहले ये अटकलें थीं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा में भेज सकती है और जसवंत नगर विधानसभा सीट से उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बना सकती है।

भाजपा ने अक्टूबर 2021 में सपा के बागी नेता नितिन अग्रवाल को उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव में समर्थन दिया था और अग्रवाल विधानसभा उपाध्‍यक्ष चुने गये थे। तब अग्रवाल ने सपा के उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को 244 मतों से पराजित किया था। भाजपा के टिकट पर हरदोई विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार जीतने वाले अग्रवाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी इस बार की सरकार में आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

शिवपाल ने बीते दिनों मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मुलाकात के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आदित्‍यनाथ और पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का 10 मार्च को परिणाम आने के बाद शिवपाल और उनके भतीजे एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच एक बार फ‍िर दूरी बढ़ने को लेकर चर्चा तेज हो गई। दरअसल, बीते दिनों सपा के विधायकों की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का अध्यक्ष होने के बावजूद वह इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीते हैं।

राज्य में समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार में अखिलेश और शिवपाल का मनमुटाव 2016 में खुलकर उस समय सामने आ गया था, जब पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवपाल को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था। बाद में शिवपाल ने अपनी नई पार्टी बना ली थी।

सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने शनिवार को नयी दिल्ली में अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी, लेकिन उनके बीच क्या बातचीत हुई, इसका पता नहीं चल पाया है। बहरहाल, शिवपाल की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों के मद्देनजर पिता एवं पुत्र की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

भाषा अरुनव आनन्द सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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