नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) पूर्वोत्तर के तीन राज्यों नगालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश से आफस्पा को आंशिक रूप से हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से इस कानून को हटाने की संभावना को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (आफस्पा), 1958 के तहत सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक भौगोलिक स्थान को अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।
मामले के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से आफस्पा हटाने जैसा अति संवेदनशील फैसला सरकार के उच्चतम राजनीतिक स्तर पर जमीनी स्थिति के गहन आकलन के आधार पर ही लिया जा सकता है।’’
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सकारात्मक राजनीतिक संदेश देने के लिए सरकार अगर कोई फैसला लेती है तो पहले जम्मू शहर की सुरक्षा स्थिति का विश्लेषण कर सकती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कश्मीर घाटी में आफस्पा में बदलाव पर किसी भी तरह के विचार की संभावना बहुत कम है।’’
एक अन्य अधिकारी ने मणिपुर का हवाला देते हुए कहा कि चार थाना क्षेत्रों को छोड़कर, राज्य के जिन इलाकों से आफस्पा हटाया गया, वे ज्यादातर इंफाल शहर क्षेत्र में थे।
आफस्पा सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। इसके अलावा गोलीबारी में किसी व्यक्ति की जान जाने पर यह सुरक्षा बलों को गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट भी प्रदान करता है।
भाषा आशीष उमा
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