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Saturday, 23 November, 2024
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कोरोनावायरस के मद्देनज़र बनाए जाएंगे स्पेशल वार्ड, रिलायंस बनाएगी देश का पहला कोविड-19 अस्पताल

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपए देने का भी एलान किया है.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्य सरकारों से इस महामारी से निपटने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकल प्रयोगशालाओं तथा पृथक वार्ड जैसी अतिरिक्त चिकित्सा सुविधाओं के लिए राशि जारी करने को कहा है. कई राज्य कोविड-19 के मरीज़ों के लिए असप्तालों में स्पेशल वार्ड भी बना रहे हैं.

देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 500 पार कर गयी है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के डॉक्टरों से भी बात की.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कोविड-19 से पैदा हुई चुनौती से निपटने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकल प्रयोगशालाओं, पृथक वार्डों जैसी अतिरिक्त चिकित्सा सुविधाएं लगाने और मौजूदा केंद्रों का विस्तार एवं उन्नयन करने के लिए वित्तीय संसाधन मुहैया कराने को कहा है.’

इसमें कहा गया कि इन केंद्रों में वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क तथा दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए.

रिलायंस इंडस्ट्रीज बनाएगी 100 बेड का कोविड-19 अस्पताल

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोरोनावायरस के मद्देनज़र देश का पहला कोविड-19 अस्पताल खोलने का एलान किया है. जिसमें 100 बेड शामिल होंगे. इसी के साथ कंपनी क्वारेंटाइन की सुविधा, जांच के लिए किट का आयात करेगा और प्रतिदिन एक लाख फेस मॉस्क बनाने की उत्पादन क्षमता करेगा.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपए देने का भी एलान किया है.

कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कोविड-19 मामलों के लिए अस्पतालों की तत्काल पहचान करने को कहा

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को राज्य सरकारों से कहा कि वे तुरंत उन अस्पतालों की पहचान करें, जहां कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों से निपटा जा सके.

सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने यह भी कहा है कि सभी पॉजिटिव मामलों की निगरानी और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जाना बेहद जरूरी है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी संदिग्ध या अत्यधिक खतरे की आशंका वाला व्यक्ति नहीं छूटे.

उन्होंने कहा है, ‘सभी राज्यों को उन अस्पतालों की तत्काल पहचान करनी चाहिए, जहां कोरोनावायरस प्रभावित मरीजों की पूर्ण रूप से देखभाल की जा सके. साथ ही राज्यों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में संक्रमित मरीजों के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें.

उत्तराखंड के चारों सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व रखा जायेगा

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित रखने सहित कई निर्णय लिए.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों, देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोडा को मुख्य रूप से कोरोना के मरीजों के उपचार के लिये रखा जाएगा जबकि शेष विभागों को फिलहाल अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा.

इसके अलावा, श्रीनगर, हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों को आगामी तीन माह के लिये पदों के सापेक्ष इंटरव्यू द्वारा डॉक्टर की भर्ती करने का अधिकार भी दे दिया गया है.

उन्होंने बताया कि पूर्व में 555 अस्थाई पदों के सापेक्ष विज्ञापित 314 पदों का इंटरव्यू चल रहा है जबकि शेष पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन निकालने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा, सृजित 958 रिक्त पदों के सापेक्ष 479 सर्जन को 11 माह के लिए रखने की अनुमति दी गयी है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी जरूरत पड़ने पर कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराने को तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं और उनके साथ लगातार इस विषय पर बैठकें हो रही हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के टेस्ट के लिये दो अन्य सेंटरों, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) और एम्स के लिये भी केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दो दिन में यह अनुमति मिल जायेगी.

कौशिक ने बताया कि उधमसिंह नगर,हरिद्वार ,नैनीताल और देहरादून जनपदों के जिलाधिकारियों को तीन करोड़ रुपये और अन्य जनपदों के जिलाधिकारियों को दो करोड़ रुपये असंगठित मजदूरों तथा अन्य जरूरतमंद जनता की तात्कालिक मदद के लिये दिया जाएगा.

(समाचार  एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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