नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को सोमवार को फरवरी 2020 में हुए दंगों एवं 2021 के गणतंत्र दिवस हिंसा मामलों के लिए दिल्ली पुलिस को विशेष लोक अभियोजक चुनने की अनुमति देने के मामले में उपराज्यपाल के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘आवेदन स्वीकार किया जाता है और याचिका को वापस लिया गया मानते हुए खारिज किया जाता है।’’
उपराज्यपाल के वकील द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताए जाने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।
दिल्ली में पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने उपराज्यपाल के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी थी कि 26 जनवरी, 2021 को किसानों के विरोध-प्रदर्शन से संबंधित हिंसा और दिल्ली दंगों के मामलों में विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) के रूप में वकीलों को दिल्ली पुलिस द्वारा चुना जाना निष्पक्ष सुनवाई के हित में नहीं होगा।
पिछली सरकार ने तर्क दिया कि एसपीपी को दिल्ली पुलिस द्वारा चुना जाना ‘‘हितों का गंभीर टकराव’’ है।
नियुक्तियों पर उपराज्यपाल का आदेश 23 जुलाई, 2021 को आया था और पूर्ववर्ती सरकार ने आरोप लगाया था कि इससे निष्पक्ष सुनवाई खतरे में पड़ गई क्योंकि एसपीपी मामलों को अपने हाथ में लेकर नियमित सरकारी अभियोजकों की जगह ले रहे थे। याचिका में तत्काल अदालती हस्तक्षेप की मांग की गई।
भाषा सिम्मी वैभव
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