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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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वित्तीय अनियमितताओं को लेकर डीयू के 12 कॉलेजों के विशेष ऑडिट का आदेश

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नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 12 कॉलेजों की विशेष लेखापरीक्षा शुरू की है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

डीयू के यह कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्त पोषित हैं।

एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद लेखापरीक्षा निदेशालय ने विशेष ऑडिट करने के लिए आठ सदस्यीय टीम का गठन किया है।

पिछले सप्ताह जारी एक आदेश में ऑडिट विभाग ने उच्च शिक्षा निदेशालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे कॉलेजों को निर्देश दें कि वे सभी आवश्यक रिकॉर्ड ऑडिट टीम को उपलब्ध कराएं।

एक आधिकारिक आदेश में 27 सितंबर को कहा गया, ‘‘मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध 12 कॉलेजों से संबंधित मुद्दों की जांच पर विशेष ऑडिट आयोजित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी देने का निर्देश दिया गया है। उच्च स्तरीय समिति की स्थिति रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है। ’’

आदेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि संबंधित कॉलेज ऑडिट टीम को सभी रिकॉर्ड, बैठक व्यवस्था और सचिवीय सहायता उपलब्ध कराएं।

पिछले महीने, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की अकादमिक परिषद (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) की संयुक्त बैठक में आरोपों की जांच के लिए गठित 10 सदस्यीय समिति के निष्कर्षों को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था।

अपनी रिपोर्ट में समिति ने निष्कर्ष निकाला कि डीयू के 12 कॉलेजों में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई, जैसा कि आतिशी ने आरोप लगाया था।

विश्वविद्यालय ने कहा कि वह राज्य सरकार से समिति की सिफारिशों पर विचार करने का अनुरोध करेगा और साथ ही आतिशी से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा अपना पत्र वापस लेने की मांग की। आतिशी ने अपने पत्र में डीयू के 12 कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का सुझाव दिया था।

पिछले साल दिसंबर में आतिशी ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित डीयू के 12 कॉलेजों में कथित अनियमितताओं को उजागर किया था। उन्होंने सरकारी खजाने से सैकड़ों करोड़ रुपये की हानि से संबंधित प्रक्रियागत खामियों का हवाला दिया था।

आतिशी ने सुझाव दिया कि या तो कॉलेजों को दिल्ली सरकार के अधीन कर दिया जाए या फिर केंद्र को पूर्ण नियंत्रण सौंप दिया जाए, ऐसी स्थिति में दिल्ली सरकार उन्हें वित्तीय सहायता देना बंद कर देगी।

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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