नई दिल्ली: अमेरिका के चिड़ियाघर में एक बाघिन में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों तथा संरक्षित वन क्षेत्रों में हाई एलर्ट जारी करने के साथ-साथ प्रदेश के दोनों चिड़ियाघरों में वन्यजीवों के लिए पृथक पिंजड़े एवं बाड़े बनाए गये हैं.
रक्षित वनों एवं अभ्यारण्य क्षेत्रों में भी वन्यजीवों के लिए पृथक पिंजड़े एवं उन्हें पृथक वास में रखने के लिए स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं. इन सभी स्थानों को आधुनिक प्रणाली से नियमित रूप से संक्रमण मुक्त किया जा रहा है.
प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक एवं चिड़ियाघर प्राधिकरण प्रभारी डॉ रमेश पांडे ने शनिवार को बताया कि रक्षित वन क्षेत्रों में विभागीय स्टाफ के लिए भी पृथक वास हेतु स्थान सुरक्षित किये गये हैं.
सामाजिक दूरी कायम करने के मद्देनजर चिड़ियाघरों में आधे स्टाफ को छुट्टी दे दी गयी है तथा वहां मौजूद वन्यजीवों को भोजन कराते समय दूरी बनाने एवं न्यूनतम संपर्क रखने को कहा गया है. वन्यजीवों को उबला तथा संक्रमणमुक्त भोजन ही देने को कहा गया है.
चिड़ियाघरों के जानवरों की सेवा में लगे स्टाफ एवं रखवालों आदि को बाड़े अथवा पिंजड़ों में जाने से पूर्व पूरी तरह से दस्ताने, निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) किट से लैस होकर एवं रोगाणुमुक्त होने के बाद ही जानवरों के नजदीक जाने के निर्देश हैं.
डॉ पांडे ने बताया कि न्यूयॉर्क की घटना के बाद से प्रदेश के चिड़ियाघरों एवं संरक्षित वन क्षेत्रों में हाई एलर्ट जारी कर यहां हर समय सतर्कता बरतने को कहा गया है. न्यूयॉर्क के ब्रांक्स जू की खबर आने के बाद कोविड-19 को लेकर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के दिशा-निर्देशों पर उत्तर प्रदेश के सभी प्राणी उद्यानों, बाघों के लिए आरक्षित क्षेत्रों एवं अभ्यारण्यों में एहतियात बरता जा रहा है. चिड़ियाघरों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है.
भारत सरकार के केंद्रीय चिड़़ियाघर प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने भी बाघों एवं दुर्लभ वन्यजीवों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिये हैं.