scorecardresearch
गुरूवार, 19 जून, 2025
होमदेशसंभल हिंसा: 1,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में SP सांसद जिया-उर-रहमान बर्क समेत 23 लोगों के नाम

संभल हिंसा: 1,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में SP सांसद जिया-उर-रहमान बर्क समेत 23 लोगों के नाम

शाही जामा मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली का भी नाम चार्जशीट में है. उन्हें मार्च में गिरफ्तार किया गया था. सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का नाम एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद भी नहीं लिया गया है.

Text Size:

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम ने नवंबर 2024 में संभल में हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में चार्जशीट दायर की है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और शाही जामा मस्जिद समिति के प्रमुख अधिवक्ता जफर अली समेत 23 लोगों के नाम शामिल हैं. अली को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था.

बुधवार को विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में 1,000 पन्नों से अधिक का आरोपपत्र पेश किया गया.

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने दिप्रिंट को बताया कि एसआईटी ने तथ्यात्मक साक्ष्यों के आधार पर अपनी जांच पूरी कर ली है और जांच अधिकारी ने बुधवार को औपचारिक रूप से आरोपपत्र पेश किया. उन्होंने कहा कि सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को इसमें शामिल नहीं पाया गया और इसलिए उनका नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं है.

पिछले साल 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान संभल में हिंसा हुई थी क्योंकि प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास एकत्र हुए थे और यूपी पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई, जिसके कारण भारी पथराव हुआ और पुलिस ने कथित तौर पर गोलीबारी की थी. इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी से इनकार किया था.

सर्वेक्षण की शुरुआत इस दावे के बाद की गई थी कि मस्जिद का निर्माण मुगल काल में कथित तौर पर ध्वस्त किए गए हिंदू मंदिर के खंडहर पर किया गया था. पहला सर्वेक्षण शांतिपूर्ण तरीके से हुआ था, लेकिन 24 नवंबर को दूसरे सर्वेक्षण के दौरान तनाव बढ़ गया था.

संभल कोतवाली और नखासा थानों में कुल 12 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से चार हत्या से संबंधित हैं. एसपी बिश्नोई ने कहा कि हिंसा में शामिल 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य संदिग्धों की सक्रियता से तलाश कर रही है.

यूपी पुलिस के अनुसार, हिंसा में 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और हिंसा के आरोपियों ने कथित तौर पर आगजनी, तोड़फोड़ और गोलीबारी की, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ.

अली, बर्क और सुहैल के खिलाफ शुरुआती एफआईआर के अनुसार, सांसद पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था, जबकि सुहैल पर झड़पों के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप था. बर्क पर लोगों से सर्वेक्षण को रोकने और हिंसा शुरू होने से पहले मौके पर इकट्ठा होने का आग्रह करने का भी आरोप था.

अली, एक वकील और मस्जिद की समिति के प्रमुख, को चार महीने की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने उन पर सोशल मीडिया और भड़काऊ बयानों के माध्यम से हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में ‘गौ तस्करी’ के आरोप में बेरहमी से पीटे गए दो युवक, एक की मौत दूसरे की हालत गंभीर


 

share & View comments