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Thursday, 17 July, 2025
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सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पंच तत्व में विलीन; हजारों लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

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( तस्वीरों के साथ )

सैफई (उत्तर प्रदेश), 11 अक्टूबर (भाषा) दिग्गज समाजवादी नेता व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव सैफई में हजारों की संख्या में लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया और ‘नेताजी’ के बड़े बेटे अखिलेश यादव ने नम आंखों से अपने पिता मुखाग्नि दी।

मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश ने सिर पर समाजवादी पार्टी (सपा) की लाल टोपी लगाई। अंतिम संस्कार के दौरान वहां मौजूद लोगों ने ‘नेताजी-अमर रहें’ और ‘मुलायम सिंह यादव-अमर रहें, अमर रहें” के नारे लगाए।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हुआ। वह 82 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाकर उनकी ‘कोठी’ में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेताजी’ को अंतिम विदा देने पहुंचे। यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे।

आज सुबह अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य एक रथ पर मुलायम का पार्थिव शरीर लेकर ‘कोठी’ से मेला ग्राउंड पहुंचे, जहां लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उसे एक विशाल मंच पर रखा गया। रथ मेला ग्राउंड में पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया और लोगों की आंखें नम हो गईं।

मंच पर अखिलेश के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के तमाम सदस्य नजर आए। परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेताजी को अंतिम विदाई दी। पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं।

अंतिम संस्कार के रस्मो-रिवाज के दौरान जब अखलेश मुखाग्नि दे रहे थे, उस वक्त चिता के पास नेताजी का पूरा परिवार भाई अभय राम सिंह, राजपाल सिंह, शिवपाल सिंह, रामगोपाल यादव भतीजे धर्मेंद्र यादव, कार्तिकेय यादव, अंकुर यादव, अंशुल यादव, प्रतीक यादव पुत्र, तेज प्रताप सिंह आदि मौजूद थे।

पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम के साथ व्‍हीलचेयर पर यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

दोपहर करीब दो बजे अखिलेश यादव और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने नेताजी की अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद यादव के पार्थिव शरीर को विश्राम स्‍थल में चंदन की लकड़ी की चिता पर रखा गया और करीब चार बजे अखिलेश यादव ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि दी।

अंतिम संस्कार के लिए चिता की चंदन की लकड़ी, इत्र, खुशबू, सामग्री आदि कन्नौज से लायी गयी थी।

इस बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अपना दल (एस) की अध्‍यक्ष अनुप्रिया पटेल, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद समेत राज्य सरकार के कई मंत्री, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता प्रमोद तिवारी, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष शरद पवार व सुप्रिया सुले समेत अनेक नेता श्रद्धांजलि देने सैफई पहुंचे।

महाराष्ट्र में मुंबई से सपा नेता अबू आजमी, अपना दल (कमेरावादी) की अध्‍यक्ष कृष्णा पटेल, किसान नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी बघेल व साध्वी निरंजन ज्योति समेत अनेक प्रमुख लोगों ने मुलायम के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उद्योगपति अनिल अंबानी भी मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लेने सैफई पहुंचे।

इनके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल, वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और प्रकाश करात भी समाजवादी नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मुलायम के अंतिम संस्कार में भाग लेने सैफई पहुंचे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलायम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘उनकी प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकती। उनके निधन से बहुत बड़ी क्षति हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आदरणीय मुलायम सिंह यादव से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे। वह भारत की राजनीति की बहुत बड़ी शख़्सियत थे और उन्हें धरती से जुड़ा नेता माना जाता था।’’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी यादव को श्रद्धांजलि दी।

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अखिलेश यादव को गले लगाकर उन्हें सांत्वना दी।

मेला ग्राउंड में लोगों की बढ़ती भीड़ और नेताजी के अंतिम दर्शन करने की उनकी होड़ को देखते हुए शिवपाल यादव को सभी से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी।

अभिनेता अभिषेक बच्‍चन और उनकी मां जया बच्‍चन भी यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। योग गुरु बाबा रामदेव भी अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिहार के उप मुख्‍यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्‍ट्रीय लोकदल के अध्‍यक्ष व सांसद जयंत चौधरी, निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष व प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद, अपना दल (कमेरावादी) की अध्‍यक्ष कृष्णा पटेल, आम आदमी पार्टी उप्र के प्रभारी व सांसद संजय सिंह समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने वहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता रीता बहुगुणा जोशी उन नेताओं में शामिल हैं, जो यादव को अंतिम विदाई देने के लिए यहां सैफई मेला ग्राउंड पंडाल में जल्दी पहुंचे।

यादव की अर्थी के पास खड़े सपा नेता धर्मेंद्र यादव अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थ्रे। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू ने यादव के निधन को ‘उत्तर प्रदेश के लिए नुकसान’ करार दिया।

जोशी ने कहा कि यादव ने कभी भी अपने राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं माना और उनका हर नेता के साथ एक निजी संबंध था।

इसके पहले सुबह साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे।

लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार की शाम सैफई पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

शोक में इटावा जिले के स्कूल, बाजार, प्रतिष्ठान व्यापारियों और संचालकों ने स्वेच्छा से बंद कर रखें। अपने समर्थकों के बीच हमेशा ‘‘नेताजी’’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया।

यादव 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए। वह तीन बार (वर्ष 1989-91,1993-95 और 2003-2007) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे। एक समय उन्हें प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा गया था। यादव के पुत्र और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी (2012-2017) तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

भाषा आनन्द अर्पणा

अर्पणा राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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