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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशदिल्ली में 50 प्रतिशत कोविड इंफेक्शन के सोर्स का पता नहीं, 31 जुलाई तक होगी 80,000 बेड की ज़रूरत: दिल्ली सरकार

दिल्ली में 50 प्रतिशत कोविड इंफेक्शन के सोर्स का पता नहीं, 31 जुलाई तक होगी 80,000 बेड की ज़रूरत: दिल्ली सरकार

कोविड के कम्युनिटी स्प्रेड जैसे गंभीर मुद्दे पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में आधे मामले ऐसे हैं जिनका सोर्स ज्ञात नहीं है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में हुए एसडीएम की ताज़ा बैठक में ये जानकारी निकलकर सामने आई है कि आने वाले दिनों में राजधानी में कोविड-19 की स्थिति बेहद गंभीर होने वाली है, समय के साथ यहां 15,000 से 80,000 तक बेड्स की ज़रूरत पड़ने वाली है. वहीं, दिल्ली में 50 प्रतिशत कोविड मामलों का सोर्स ज्ञात नहीं है.

मीटिंग में कोविड को लेकर स्थिति पर हुई चर्चा की जानकारी साझा करते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ’30 जून तक 15,000 और 15 जुलाई तक 33,000 और 31 जुलाई तक 80,000 बेड की आवश्यकता होगी.’

किस समय तक कोविड के कितने मामले होंगे इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 15 जून तक 44,000 मामले होंगे और 6600 बेड्स की आवश्यकता होगी. 30 जून तक 1 लाख़ मामले होंगे और 15,000 बेड्स की आवश्यकता होगी. 15 जुलाई तक 2.2 लाख़ मामले हो जाएंगे और 33,000 बेड्स की आवश्यकता होगी.

31 जुलाई तक दिल्ली में कुल कोविड मामलों की संख्या 5.5 लाख़ होने की आशंका है. जिसके लिए 80,000 बेड्स की आवश्यकता होगी. इस पर डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा, ‘ये तब है जब दिल्ली में अब तक लॉकडाउन चल रहा था और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उन्हीं का इलाज हो रहा था जो दिल्ली में रहते हैं.’

उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के लेफ़्टिनेट गवर्नर (एलजी) अनिल बैजल पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें केजरीवाल सरकार की कैबिनेट द्वारा दिल्ली में सिर्फ़ दिल्ली वालों के इलाज से जुड़ा फ़ैसला नहीं पलटना चाहिए था. दिल्ली सरकार की कैबिनेट का फ़ैसला था कि दिल्ली सरकार के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्ली वालों का इलाज होगा.

दिल्ली सरकार द्वारा रविवार को लिए गए इस फ़ैसले की काफ़़ी आलोचना हुई. जिसके बाद एलजी बैजल ने इस फ़ैसले को सोमवार को पलट दिया. दिल्ली सरकार ने जानकारी दी कि सोमवार की मीटिंग में एलजी से पूछा गया कि सरकार के फ़ैसले को पलटने से पहले क्या आंकलन किए गए. ये भी पूछा गया कि कितने केस बढ़ेंगे और बाहर से कितने मामले आएंगे. सिसोदिया ने कहा, ‘इन सवालों का एलजी के पास कोई जवाब नहीं था. उनके पास इसका भी आंकलन नहीं था कि जब देश भर से दिल्ली में मामले आएंगे तो कितने बेड्स की ज़रूरत पड़ेगी.’


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सिसोदिया का कहना है कि एलजी द्वारा दिल्ली सरकार का फ़ैसला पलटे जाने से दिल्ली वालों के लिए गहरा संकट पैदा हो गया है. एलजी द्वारा दिल्ली सरकार का फ़ैसला पलटे जाने पर सवाल उठाते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘अगर कल गए दिल्ली में मामले बढ़ेंगे और स्थिति बेकाबू होगी तो ज़िम्मेदारी कौन लेगा.’

सिसोदिया ने कहा कि जब एलजी से उनके फ़ैसले पर फिर से विचार करने को कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा, ‘अब जो भी (फ़ैसला) है हम उसको लागू करेंगे और कोशिश करेंगे कि दिल्ली में देश के जितने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की सेवा हो सके करेंगे. दिल्ली के लिए भी मेडिकल फ़ैसिलिटी को जितना हो सके बेहतर करेंगे.’

कोविड के कम्युनिटी स्प्रेड जैसे गंभीर मुद्दे पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ये तब होता है जब इंफेक्शन का सोर्स ज्ञात नहीं होता. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में आधे मामले ऐसे हैं जिनका सोर्स ज्ञात नहीं है. लेकिन जब तक केंद्र नहीं कहता तब तक हम ऐसा नहीं कह सकते (कि कम्युनिटी स्प्रेड हुआ है).’

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