अगरतला, 18 मई (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर दावा किया है कि कुछ आईएएस अधिकारी अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में वापस नहीं लौट रहे हैं।
साहा ने हालांकि उन नौकरशाहों के नाम नहीं बताये जिनके खिलाफ उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्य में 59 आईएएस, 42 आईपीएस और 40 आईएफएस अधिकारी हैं।
कुंजाबन में सिविल सेवा अधिकारी संस्थान के लिए आधारशिला रखने के लिए आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि वर्तमान सरकार ऐसा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है, जिसमें अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सहज महसूस करें।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि ऐसे संस्थान के उद्घाटन के बाद अधिकारी मुझसे राज्य से बाहर जाने के लिए प्रतिनियुक्ति का अनुरोध नहीं करेंगे, जहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अगर अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मेरे कार्यालय का रुख नहीं करते हैं तो यह मेरे लिए अच्छी खबर होगी।’
साहा ने यह भी कहा, ‘यदि अधिकारियों को समय के अनुसार राज्य के बाहर प्रतिनियुक्ति मिलती है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब वे राज्य वापस नहीं लौटना चाहते तो दिक्कत उत्पन्न होती है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि कभी-कभी वे राज्य प्रशासन से बाहर रहने के लिए परोक्ष तौर पर ‘लॉबिंग’ में शामिल हो जाते हैं। साहा ने कहा, ‘‘मुझे इस मामले पर प्रधानमंत्री को लिखना पड़ा।’’
विभिन्न सरकारी निर्णयों को लागू करने में नौकरशाहों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 27,000 करोड़ रुपये के बजट को बढ़ाकर 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
साहा ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य डॉक्टर या मुख्यमंत्री बनना नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘अक्सर अभिभावक अपने बच्चों को आईएएस, डॉक्टर या आईएफएस अधिकारी बनाने का लक्ष्य रखते हैं। मेरा लक्ष्य डॉक्टर बनना नहीं था, लेकिन मैं डॉक्टर बन गया। मैं इस पद पर भी पहुंचा। यह लोगों का आशीर्वाद है।’’
भाषा अमित प्रशांत
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