नई दिल्ली: कश्मीरियों के व्हाट्सप्प अकाउंट बुधवार शाम से आश्चर्यजनक ढंग से खुद-ब-खुद डिलीट होने लगे. दरअसल इंटरनेट सेवाएं करीब 4 महीने से घाटी में प्रतिबंधित हैं, और इसी वजह से एक्टिव न रहने के कारण अकाउंट डिलीट हो रहे हैं.
देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले कश्मीरियों ने ट्विटर पर इसका ज़िक्र किया और एकाएक ग्रुप छोड़ते लोगों के स्क्रीनशॉट साझा किये.
After 4 months of total communication blackout, @WhatsApp is automatically deleting Kashmiris from groups.#Kashmir pic.twitter.com/GD1GXKNrX6
— Dr. Shahnawaz B. Kaloo (@DrKaloo) December 4, 2019
इस बारे में जब दिप्रिंट ने व्हाट्सएप से बात की तो कंपनी की प्रवक्ता ने बताया की ऐसा 120 दिन एक्टिव ना होने के कारण हो रहा है. ‘सुरक्षा और डाटा इस्तेमाल को सीमित रखने के मद्देनज़र एकाउंट्स अगर 120 दिन तक न चले तो खुद डिलीट हो जाते हैं. ऐसा होने की स्थिति में यूजर अपने आप व्हाट्सएप ग्रुप्स से निकल जाते हैं.’
प्रवक्ता ने कहा, ‘इंटरनेट सेवाएं शुरू हो जाने के बाद लोगों को व्हाट्सएप दोबारा से ज्वाइन करना होगा और ग्रुप्स में ऐड करना पड़ेगा.’
कश्मीर के डॉक्टर शाहनवाज़ कालू, जो की दिल्ली में कार्यरत हैं, ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने बुधवार शाम इस बात पर ध्यान दिया कि उनके कई कश्मीरी दोस्त और सम्बन्धी व्हाट्सप्प ग्रुप छोड़ रहे हैं. ‘पहले मुझे लगा कि शायद लोग खुद से ग्रुप्स छोड़ रहे हैं, पर फिर मुझे ध्यान आया कि वहां तो अभी भी इंटरनेट नहीं शुरू हुआ है. ऐसे में वे चाह कर भी ग्रुप्स नहीं छोड़ सकते.’
‘फिर मुझे इस बात का अहसास हुआ कि कल घाटी में इंटरनेट बंद हुए पूरे चार महीने हो चुके हैं. और मैं समझ गया कि इसके पीछे क्या वजह थी. जो अकाउंट पहले व्हाट्सएप पर रजिस्टर्ड थे, उनमें भी ‘इन्वाइट’ का ऑप्शन नज़र आ रहा था.’
मेसेजिंग एप व्हाट्सएप पर इन्वाइट का ऑप्शन तब आता है जब यूजर ने एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा हो.
शहला राशिद समेत अनेक ट्विटर यूजर ने ट्वीट कर इस बात की ओर सबका ध्यान दिलाया.
? @WhatsApp Please pay attention to this. There is no Internet in Kashmir for the past 4 months now, and your algorithm is deleting Kashmiri Whatsapp accounts which have been inactive for over 120 days, for no fault of theirs.@evgenymorozov @zeynep @Snowden @AOC @PopTechWorks https://t.co/PbNRdVTfRi
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 5, 2019
4 months of inactivity, @WhatsApp accounts from Jammu amd Kashmir are getting deleted. pic.twitter.com/fQokkutc6Q
— Sajjad Iqbal (سجاد اقبال) (@realsajjadiqbal) December 5, 2019
Error 377. Voices not found.
Whatsapp accounts removed from groups due to inactivity.#KashmirGagged #kashmir pic.twitter.com/qXhobjQdgP
— Darab Bakhshi (@DarabArzHai) December 5, 2019
All our #Kashmiri friends this morning automatically exited whatsApp groups.
Reason: To maintain security, accounts expire after 120 days of inactivity & automatically exit their WhatsApp groups.Yes! Its the 21st century & India restricts #Kashmir without Internet for 120 days! pic.twitter.com/VlqZZ6umLM
— Toath (@toathdownunder) December 5, 2019
गौरतलब है की 4 और 5 अगस्त की रात को घाटी में संचार सेवाएं प्रतिबंधित कर दी गयीं थीं. 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने विशेष दर्जा देने वाली संविधान के अनुच्छेद को हटा दिया. 31 अक्टूबर को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू & कश्मीर और लदाख में विभाजित कर दिया.
बुधवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर जी सी मुर्मू ने कहा कि घाटी में इंटरनेट सेवाएं तब बहाल होंगी जब स्थिति और अधिक सामान्य हो जायेगी.
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