मुंबई, 13 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बुधवार को उन्हें ‘झूठे मामले’ में फंसाने की कोशिश में शामिल होने का आरोप लगाया।
बंबई उच्च न्यायालय ने आज सोमैया को एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसमें उन पर नौसेना की सेवा से हट चुके विमान वाहक पोत विक्रांत को कबाड़ में जाने से बचाने के लिए इकट्ठे किये गये धन का दुरुपयोग करने का आरोप है।
सोमैया ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘पहली बार बिना किसी दस्तावेजी साक्ष्य के झूठी प्राथमिकी दायर करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुझे गलत तरह से फंसाने में सीधे तौर पर शामिल हैं। मैं उद्धव ठाकरे को चेतावनी देना चाहता हूं कि मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक उनके परिवार के सदस्यों और करीबियों के भ्रष्ट आचरण को उजागर नहीं कर देता।’’
सोमैया ने दावा किया कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निराधार है।
पिछले कुछ दिन में अपने अते-पते के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, ‘‘कुछ काम करने के लिए लापता होना पड़ता है।’’
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमैया को गिरफ्तारी से बुधवार को अंतरिम राहत दे दी।
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने कहा कि मामले में गिरफ्तारी की स्थिति में सोमैया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाए।
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने सोमैया को मामले में पुलिस की जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया। साथ ही, उन्हें 11 से 18 अप्रैल के बीच चार दिन जांच अधिकारी (आईओ) से पूर्वाह्न 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे के बीच संपर्क करने को भी कहा।
उच्च न्यायालय सोमैया की याचिका पर दो सप्ताह बाद 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व सांसद सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया के खिलाफ यहां ट्रॉम्बे थाने में छह अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मामला सेना के एक पूर्व कर्मी की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने दावा किया था कि किरीट सोमैया ने विक्रांत के रख-रखाव के लिए 2013 से लोगों से 57 करोड़ रुपये जुटाये थे।
शिकायत में दावा किया गया कि प्रारंभिक योजना के अनुसार इस धन का न कभी इस्तेमाल किया गया और ना ही राज्यपाल के कार्यालय में इसे जमा किया गया।
भाषा
वैभव पवनेश
पवनेश
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