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Friday, 15 November, 2024
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सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया – केंद्र जम्मू-कश्मीर में ‘किसी भी समय’ चुनाव के लिए तैयार

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सरकार से पूछा था कि क्या उसके पास जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई समयसीमा है.

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नई दिल्ली: केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव करवाने के लिए तैयार है. इसके दो दिन पहले शीर्ष अदालत ने पूछा था कि क्या सरकार के पास राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई रोडमैप और समय सीमा है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि वोटर लिस्ट का अपग्रेडेशन “काफी हद तक पूरा” हो चुका है और चुनाव तीन चरणों में होंगे – पहले पंचायत स्तर पर, फिर नगर पालिकाओं और अंत में विधानसभा चुनाव.

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य में तीनों चुनाव होने वाले थे. “पहली बार, त्रि-स्तरीय पंचायत राज प्रणाली शुरू की गई है. पहला चुनाव पंचायतों का होगा. इसके अलावा जिला विकास परिषद के चुनाव हो चुके हैं…लेह के चुनाव खत्म हो चुके हैं. कारगिल हिल डेवलपमेंट काउंसिल – चुनाव इस महीने के अंत तक पूरे हो जाएंगे.”

मेहता ने कहा, “फिर नगर पालिका चुनाव होंगे और फिर विधानसभा चुनाव होंगे.”

उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों, पथराव, सुरक्षा कर्मियों की मौत, बंद और हड़ताल की कम हुई घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया – जिन्होंने पूर्व में चुनावों को “प्रभावित” किया है.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में केंद्र की पहल को रेखांकित किया – “ये कदम केवल तभी उठाए जा सकते हैं जब यह केंद्र शासित प्रदेश हो” – और कहा, “इस तरह हम इसे पूर्ण राज्य बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मैं अभी पूर्ण राज्य के दर्जे के बारे में कोई सटीक समय-सीमा नहीं बता सकता हूं.”

हालांकि, मेहता ने कहा कि सरकार चुनाव के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, “यह भारत के चुनाव आयोग और राज्य के चुनाव आयोग को फैसला लेना है – कौन सा चुनाव पहले होगा और कैसे होगा.”

सॉलिसिटर जनरल की प्रतिक्रिया तब आई जब शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र की बहाली राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. पीठ जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और 2019 में पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ को बताया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा.

इस पर सीजेआई ने पूछा, “हमें इस पर केंद्र सरकार से बयान चाहिए कि क्या कोई समय सीमा है? लोकतंत्र की बहाली हमारे राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. कृपया हमें बताएं कि इसके लिए रोडमैप क्या है.”

 


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