नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा उन्हें निशाना बनाकर किए गए कथित अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।
तृणमूल कांग्रेस की नेता मोइत्रा ने अंतरिम आवेदन में अदालत से दुबे और देहाद्राई को पोस्ट हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया।
न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा ने दुबे के वकील से यह जानने के लिए निर्देश लेने को कहा कि क्या भाजपा सांसद फिलहाल पोस्ट को हटाने के लिए तैयार हैं।
दुबे के वकील ने कहा कि यह पोस्ट मोइत्रा के खिलाफ दुबे की शिकायत पर लोकपाल के फैसले पर आधारित थी।
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया दुबे का फैसले पर भरोसा मोइत्रा के खिलाफ उनके आरोपों का समर्थन नहीं करता है।
इसने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, यह दस्तावेज आपके (मोइत्रा के खिलाफ) आरोपों का समर्थन नहीं करता है। तब तक, कृपया इस (पोस्ट) को हटा दें।’’
दुबे के वकील द्वारा भाजपा नेता से निर्देश प्राप्त करने में विफल रहने के बाद अदालत ने सुनवाई नौ मई के लिए स्थगित कर दी।
मोइत्रा ने दावा किया कि वह दुबे की फेसबुक पोस्ट और ‘एक्स’ पर देहाद्राई के ट्वीट से व्यथित हैं।
यह सामग्री भारत के लोकपाल के समक्ष मोइत्रा से संबंधित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले से जुड़ी थी।
उनके वकील ने दावा किया कि मोइत्रा लगातार सोशल मीडिया पर दुबे को आपत्तिजनक नाम से संबोधित कर रही थीं, जो स्वीकार्य नहीं था।
न्यायाधीश ने कहा कि पीड़ित पक्ष संबंधित सोशल मीडिया मध्यस्थ को विवादास्पद पोस्ट हटाने के लिए लिख सकते हैं या राहत के लिए अदालत का रुख कर सकते हैं।
मोइत्रा ने दुबे और देहाद्राई के खिलाफ लंबित मानहानि के मुकदमे में नयी याचिका दायर की है।
यह मुकदमा 2023 में उनके खिलाफ इन झूठे और मानहानिकारक आरोपों को लेकर दायर किया गया था कि उन्होंने संसद में ‘‘सवाल पूछने के बदले रिश्वत की मांग की थी’’।
दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी और हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
दुबे ने अधिवक्ता देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पत्र में व्यवसायी द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता को कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के ‘‘अकाट्य’’ सबूत उनके साथ साझा किए गए हैं।
इन आरोपों के आधार पर लोकसभा आचार समिति ने मोइत्रा को निचले सदन से हटाने का सुझाव दिया, जिसके बाद उन्हें आठ दिसंबर, 2023 को निष्कासित कर दिया गया।
मुकदमे में मोइत्रा ने दुबे और देहाद्राई को किसी भी ऑनलाइन या ऑफलाइन मंच पर उनके खिलाफ कोई भी “झूठी अपमानजनक सामग्री” प्रकाशित या पोस्ट करने से रोके जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह भी मांग की थी कि वे दोनों सार्वजनिक रूप से उनसे माफी मांगें।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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