हैदराबाद, तीन मार्च (भाषा) तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका का सोमवार को निस्तारण कर दिया, जिसमें प्राधिकारियों को नागरकुर्नूल जिले में एसएलबीसी परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा ढहने की घटना के बाद सुरंग के अंदर फंसे आठ लोगों को सुरक्षित रूप से और तेजी से बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
तेलंगाना में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना (एसएलबीसी) की निर्माणाधीन सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह जाने से इंजीनियर और श्रमिक सहित कुल आठ लोग 22 फरवरी से सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
याचिकाकर्ता ‘नेशनल यूनियन फॉर माइग्रेंट वर्कर्स’ ने प्राधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए हर संभव उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
सोमवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को बचाव अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया, जिसमें सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, ‘रैट माइनर’ और अन्य एजेंसियों के कर्मी शामिल हैं।
महाधिवक्ता ने अदालत को यह भी बताया कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार बचाव अभियान के तहत अथक प्रयास कर रही है। इसी के साथ उसने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया।
तेलंगाना सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बचाव अभियान में 18 संगठन, 54 अधिकारी और 703 लोग शामिल हैं।
भाषा पारुल दिलीप
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