नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) अंतरिक्ष स्टार्ट-अप कंपनी स्काईरूट ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया है और उसे इस वर्ष के अंत तक एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की उम्मीद है।
स्काईरूट कंपनी द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान के अनुसार, विक्रम-1 प्रक्षेपण यान उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित मोटर है जो रॉकेट को वायुमंडलीय क्षेत्र से बाहरी अंतरिक्ष के गहरे निर्वात तक ले जाएगा।
इस प्रक्षेपण यान को कलाम-250 भी कहा जाता है। इसका आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी (सीईओ) पवन चंदना ने कहा, ‘यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है… सभी परीक्षण मानदंड अपेक्षित सीमा के भीतर हैं और यह उपलब्धि हमें विक्रम-1 रॉकेट के आगामी प्रक्षेपण के एक कदम और करीब ले जाती है।’
कलाम-250 उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है।
इससे पहले स्काईरूट ने विक्रम-1 के कलाम-100 चरण का परीक्षण किया था। जून 2021 में किया गया वह परीक्षण सफल रहा था।
स्काईरूट ने नवंबर 2022 में विक्रम-एस का परीक्षण किया था और इसके साथ ही वह ‘सब-ऑर्बिटल’ रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी बन गई।
भाषा अविनाश माधव
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