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Saturday, 16 November, 2024
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एसकेएम ने कोविंद से केंद्र को किसानों से किये उसके वादे याद दिलाने का किया आग्रह

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नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर केंद्र को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति सहित किसानों से किए गए लिखित वादे याद दिलाने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि अगर उन्हें (वादों को) पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन फिर से शुरू होगा।

एसकेएम ने अपने पत्र में कहा कि जब से उसने दिल्ली की सीमाओं से अपने मोर्चों को हटाने की घोषणा की है, केंद्र सरकार ‘‘अपने वादों से पीछे हट गई है।’’

40 कृषक संगठनों के निकाय एसकेएम ने पत्र में कहा, ‘‘आपके (कोविंद) माध्यम से, हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि वह किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद कर दे। संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक ‘एमएसपी कानूनी गारंटी सप्ताह’ मनाने का फैसला किया है। अगर सरकार तब तक अपने आश्वासनों को पूरा नहीं करती है, तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’’

इसमें कहा गया है कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने नौ दिसंबर, 2021 को एसकेएम को लिखे पत्र में वादा किया था कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति बनाई जाएगी।

एसकेएम ने कहा, ‘‘अब तक, सरकार ने न तो समिति के गठन की घोषणा की है, न ही समिति की प्रकृति और उसके अधिदेश के बारे में ही कोई जानकारी दी है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘हम आपसे केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों को याद दिलाने और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने और लखीमपुर खीरी कांड में न्याय सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।’’

एसकेएम ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल के अधिक लंबे आंदोलन का नेतृत्व किया था।

पिछले साल 9 दिसंबर को सरकार द्वारा कृषि कानूनों और आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, एमएसपी पर कानूनी गारंटी और विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजे सहित छह अन्य मांगों पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद इसने आंदोलन को निलंबित कर दिया था।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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