नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), केंद्रीय ट्रेड यूनियन(सीटीयू) और स्वतंत्र क्षेत्रीय संघों ने बुधवार को ‘‘समान विचारधारा वाले’’ संगठनों और लोगों से 16 फरवरी को औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण क्षेत्रों में आहूत बंद में शामिल होने की अपील की।
एसकेएम और सीटीयू के संयुक्त मंच ने एक संयुक्त बयान में छात्रों, युवाओं, महिलाओं, पेंशनभोगियों, छोटे व्यापारियों, ट्रक संचालकों, पेशेवरों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और अन्य सहित सभी वर्गों से अपील की कि वे वास्तविक आजीविका के मुद्दों को राष्ट्रीय एजेंडे में वापस लेकर आएं।
बयान में कहा गया है, ‘‘मोदी सरकार के तहत लोगों पर बढ़ते कॉर्पोरेट, सांप्रदायिक दबाव में भारत के संविधान में निहित लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के बुनियादी सिद्धांतों को बचाने के लिए लोगों की एकता जरूरी है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से अनुरोध है कि वे कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने और भारत गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को बचाने के लिए इस संघर्ष का समर्थन करें।’’
बयान में कहा गया है कि संयुक्त संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक मोदी सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर देती।
सड़क परिवहन श्रमिक संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय समिति ने भी परिवहन कर्मचारियों से 16 फरवरी को एक दिवसीय हड़ताल पर जाने की अपील की।
सीटीयू और अन्य महासंघों ने भी 26 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर या वाहनों की परेड के लिए एसकेएम द्वारा दिए गए आह्वान को समर्थन दिया है।
भाषा देवेंद्र प्रशांत
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