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रविवार, 11 मई, 2025
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एसकेएम ने किसान नेता रकेश टिकैत पर ‘हमले’ की निंदा की

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नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को पहलगाम हमले के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित एक रैली में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत पर हुए ‘हमले’ की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि आतंकी हमले का इस्तेमाल नफरत को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

एसकेएम ने 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर अब वापस लिए जा चुके केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उसने अपने बैनर तले सभी संगठनों से देश के ‘धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक’ चरित्र की रक्षा के लिए गांव और शहर स्तर पर अभियान शुरू करने का आह्वान किया।

किसानों के संगठन (एसकेएम) ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘एसकेएम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ आक्रोश रैली में भाग ले रहे किसान नेता राकेश टिकैत पर भीड़ के हमले की कड़ी निंदा करता है। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। एसकेएम उन सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उत्तर प्रदेश में ‘जंगल राज’ को समाप्त करने की मांग करता है।’’

पहलगाम हमले के विरोध में शुक्रवार को दक्षिणपंथी समूहों द्वारा आयोजित रैली में टिकैत को कथित तौर पर परेशान किया गया और वापस जाने के लिए कहा गया। कथित घटना के वीडियो में दिखाया गया कि हंगामे के दौरान उनकी पगड़ी जमीन पर गिर गई।

एसकेएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में भारत पर प्रायोजित आतंकवादी हमले के खिलाफ सभी लोगों को एकजुट करने के बजाय, ‘भगवा’ झंडे पकड़े और ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाते हुए भीड़ के एक हिस्से ने राकेश टिकैत के साथ धक्का-मुक्की की, उन्हें झंडे के डंडों से पीटा और जानलेवा हमला करने के इरादे से उनके सिर पर से पगड़ी को हटा दिया।

एसकेएम ने कहा कि घटना के वक्त मौजूद कुछ पुलिसकर्मी भीड़ के हमले को रोकने में विफल रहे। एसकेएम ने आरोप लगाया कि इसने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भाजपा गठबंधन के राष्ट्र-विरोधी, नव-फासीवादी चेहरे को उजागर कर दिया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसकेएम नेता पर हमले की निंदा नहीं की है और ना ही दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की है।

किसान संगठन ने ‘आरएसएस-भाजपा गठबंधन’ पर पहलगाम आतंकी हमले के बाद सभी वर्गों के लोगों में व्याप्त गुस्से का फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया, ताकि अल्पसंख्यकों, किसानों, मेहनतकश लोगों और भारत की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक परंपराओं से जुड़े सभी प्रगतिशील वर्गों के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके।

एसकेएम ने कहा, ‘‘अब तक उत्तर प्रदेश के आगरा और कर्नाटक के मंगलुरु में संघ परिवार से जुड़े दक्षिणपंथी सांप्रदायिक संगठनों द्वारा दो मुस्लिम युवकों की नृशंस हत्या की जा चुकी है। कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों को अन्य राज्यों, विशेषकर उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जान का खतरा है।’’

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने भी टिकैत पर कथित हमले की निंदा की और कहा कि किसान नेता टिकैत पहलगाम हमले को रोकने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विफलता पर सवाल उठाने और हिंदू-मुस्लिम एकता की आवश्यकता पर जोर देने के लिए मंच पर पहुंचे थे। इसने आरोप लगाया कि सभा में मौजूद हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों ने टिकैत पर हमला किया।

भाषा संतोष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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