scorecardresearch
गुरूवार, 5 जून, 2025
होमदेशजानवर के हमले के बाद वक्त पर उचित इलाज नहीं मिलने से गई छह ग्रामीणों की जान : बच्चन

जानवर के हमले के बाद वक्त पर उचित इलाज नहीं मिलने से गई छह ग्रामीणों की जान : बच्चन

Text Size:

इंदौर, पांच जून (भाषा) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में एक जानवर के हमले के बाद छह ग्रामीणों की रहस्यमय हालात में मौत को लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि समय पर उचित इलाज नहीं मिलने से इन लोगों की जान गई।

बाला बच्चन वन विभाग के इस दावे को गलत भी बताया कि ग्रामीणों पर सियार ने हमला किया था।

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बड़वानी जिले के लिम्बई गांव और इसके आस-पास के इलाकों में पांच मई को तड़के अज्ञात जानवर ने 17 लोगों पर तब हमला किया, जब वे गर्मी के चलते अपने घरों के बाहर खुले में सो रहे थे।

उन्होंने बताया कि 23 मई से दो जून के बीच इनमें से छह लोगों की संदिग्ध तौर पर रेबीज से मौत हो चुकी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जानवर के हमले की जद में आए सभी 17 ग्रामीणों को इस बीमारी से बचाव का इंजेक्शन लगाया गया था।

लिम्बई गांव उस आदिवासी बहुल राजपुर क्षेत्र में है जिसकी बच्चन विधानसभा में नुमाइंदगी करते हैं। वह राज्य के गृह मंत्री भी रह चुके हैं।

बच्चन ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘जानवर के हमले के बाद घायलों को वक्त पर उचित इलाज देने में राज्य सरकार की नाकामी के कारण छह लोगों की जान गई है। हम इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं।’

उन्होंने कहा कि वन विभाग का यह दावा सरासर गलत है कि ग्रामीणों को सियार ने काटा था।

कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वह जानवर सियार नहीं था। वह लकड़बग्घे जैसा जानवर था।’

उन्होंने मांग की कि जानवर के हमले में मारे गए सभी छह लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।

राज्य सरकार ने जानवर के हमले में मारे गए छह लोगों के परिजनों को आठ-आठ लाख रुपये का मुआवजा दिया है।

जानवर के काटने के बाद छह ग्रामीणों की रहस्यमय हालात में मौत के बाद शुरू किए गए खोज अभियान के दौरान वन विभाग को बुधवार को सूखे कुएं में सियार का शव मिला था। इसके बाद विभाग ने दावा किया कि इस सियार ने ही ग्रामीणों पर हमला किया था, जिसे बाद में स्थानीय लोगों ने जान से मार डाला।

अधिकारियों ने बताया कि जानवर के काटने के बाद दम तोड़ने वाले दो लोगों के मस्तिष्क के ऊतक के नमूने पुणे और दिल्ली की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं ताकि जांच करके पता लगाया जा सके कि ये लोग रेबीज वायरस से संक्रमित थे या नहीं।

भाषा हर्ष अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments