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मंगलवार, 27 मई, 2025
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पंचकूला में कार में परिवार के छह लोग मृत मिले, एक अन्य की अस्पताल ले जाते समय मौत

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चंडीगढ़, 27 मई (भाषा) हरियाणा के पंचकूला में एक खड़ी कार में तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के छह सदस्य मृत पाए गए, जबकि एक अन्य की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस को संदेह है कि परिवार के सदस्यों ने आत्महत्या की है।

कार से मिले सुसाइड नोट से पता चला कि परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पुलिस ने मृतकों में से एक की पहचान 41 वर्षीय प्रवीण मित्तल के रूप में की है। अन्य की पहचान मित्तल की पत्नी, दंपति के तीन नाबालिग बच्चों (जिनमें दो जुड़वा लड़कियां हैं) तथा मित्तल के माता-पिता के रूप में की गई है।

यह कार सोमवार देर रात एक राहगीर ने देखी और उसने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ने वाले परिवार के सदस्य से कुछ बात भी की।

देहरादून की पंजीकरण संख्या वाली कार पंचकूला के सेक्टर 27 में एक रिहायशी इलाके में सड़क किनारे खड़ी मिली।

स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने संवाददाताओं को बताया कि वह एक अन्य व्यक्ति के साथ सैर कर रहा था, तभी रात करीब 10 बजे उसने यह कार देखी, जिसके एक दरवाजे से तौलिया लटका हुआ था।

उन्होंने बताया कि कार का ताला नहीं लगा था और उसने एक दरवाजा खोला।

उन्होंने बताया कि अंदर बैठे व्यक्ति ने उन्हें बताया कि पंचकूला में बागेश्वर धाम कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लौटते समय उन्हें होटल में कमरा नहीं मिल पाया, इसलिए वह और उनका परिवार कार में ही सो रहे हैं।

राणा ने बताया कि जब उसने अपने हाथ में पकड़ी टॉर्च को शीशे की तरफ घुमाया तो उसने देखा कि छह लोग एक-दूसरे पर बेसुध पड़े हुए थे और उन्होंने उल्टी की हुई थी।

उन्होंने बताया कि सातवां व्यक्ति, जिससे वह बात कर रहे थे, उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी जिससे उनका संदेह और बढ़ गया। राहगीर ने उस व्यक्ति की मदद की, उसे पानी दिया और उससे पूछा कि क्या उसने अंदर मौजूद लोगों को मार दिया है।

राणा ने कहा, ‘‘उसने मुझे बताया कि उसके परिवार के सभी सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है और वह भी पांच मिनट में मरने वाला है और फिर वह बेहोश हो गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेहोश होने से पहले उस व्यक्ति ने कहा कि उन पर बैंकों का बहुत सारा पैसा बकाया है। उसने कहा कि उनके रिश्तेदार अमीर हैं, लेकिन वे मदद नहीं कर रहे।’’

इस बीच, वहां भीड़ जमा हो गई और उसने पुलिस को सूचना दी। एम्बुलेंस को पहुंचने में करीब 40 मिनट लगे।

पंचकूला की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हिमाद्री कौशिक ने कहा, ‘‘यह प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। फिलहाल जांच जारी है।’’

कौशिक ने बताया कि छह लोगों को निजी अस्पताल और एक व्यक्ति को सिविल अस्पताल ले जाया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी सात लोगों की मौत हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि इस समय मौत का कारण जहर प्रतीत होता है।

पंचकूला के डीसीपी (अपराध) अमित दहिया ने संवाददाताओं को बताया कि घटनास्थल से दो सुसाइड नोट बरामद हुए हैं – एक कार के डैशबोर्ड से और दूसरा वाहन में एक बैग में रखी नोटबुक से।

दहिया ने कहा कि हालांकि वह इन पत्रों की वास्तविक सामग्री का खुलासा नहीं कर सकते, लेकिन डैशबोर्ड से मिले पत्र का सार यह है कि परिवार ने वित्तीय समस्याओं के कारण यह कदम उठाया।

उन्होंने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सुसाइड नोट किसने लिखा, यह जांच का विषय है।

अधिकारी ने बताया कि पंचकूला के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के एक बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा।

इससे पहले दिन में दहिया ने कहा, ‘‘हम फिलहाल हर पहलू से मामले की जांच कर रहे हैं। हम इलाके के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं।’’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस परिवार के सोशल मीडिया अकाउंट और उनके बैंक खातों की भी जांच कर रही है। प्रवीण के ससुर राकेश ने पंचकूला में संवाददाताओं को बताया कि उन्हें घटना के बारे में तब पता चला, जब पुलिस तड़के चार बजे पिंजौर में उनके घर पहुंची।

उन्होंने कहा कि वह कुछ समय से परिवार के संपर्क में नहीं थे, हालांकि पहले वह पैसों से उनकी मदद करते थे।

यह पूछे जाने पर कि कल रात परिवार कहां था, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि वे पंचकूला में बागेश्वर धाम कार्यक्रम के लिए गए थे।’’

उन्होंने बताया कि परिवार पंचकूला के सकेतड़ी इलाके में रह रहा था।

लुधियाना में रहने वाले संदीप अग्रवाल ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि उनके रिश्ते के भाई प्रवीण मित्तल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और जब भी वे मदद की पेशकश करते थे, तो वे मना कर देते थे।

उन्होंने बताया कि मित्तल घर चलाने के लिए टैक्सी चलाया करते थे।

कुछ अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि प्रवीण पर्यटन और टैक्सी का व्यवसाय करते थे।

अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बताया कि मित्तल ने उनके लिए एक पत्र छोड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पत्र में लिखा है कि मुझे इस घटना के बारे में सूचित किया जाए और मुझसे अंतिम संस्कार करने के लिए कहा जाए तथा उनके ससुर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।’’

उन्होंने कहा कि एक समय मित्तल पर लगभग 15 से 20 करोड़ रुपये का कर्ज था ‘‘लेकिन यह एक पुराना मामला था’’ और बैंकों ने कर्ज वसूने के लिए जो कुछ भी हो सकता था, जब्त कर लिया था।

अग्रवाल ने बताया कि मित्तल 10 साल पहले बिना किसी को बताए देहरादून चले गए थे।

उन्होंने बताया कि छह साल पहले हमें फोन आया कि वे वहां रह रहे हैं।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘वे एक साल पहले पंजाब के खरड़ आए, लेकिन प्रवीण के लिए किराया देना मुश्किल हो गया और फिर वे कुछ समय के लिए अपने ससुर के घर रहने पिंजौर चले गए, लेकिन वे साथ नहीं रह पाए और फिर वे सकेतड़ी चले गए।’’

अग्रवाल ने बताया कि जब उन्हें परिवार की मौत के बारे में फोन आया, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में मुझे लगा कि कोई कॉल करके शरारत कर रहा है।’’

डीसीपी दहिया ने बताया कि पांच पुलिस टीम बनाई गई हैं, जिन्हें जांच के लिए देहरादून और पिंजौर भेजा गया है।

इस बीच उत्तराखंड की देहरादून पुलिस ने कहा कि परिवार आठ-नौ माह पहले तक देहरादून में किराए के मकान में रहता था।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह बिष्ट ने संवाददाताओं को बताया कि परिवार लगभग आठ-नौ महीने पूर्व तक देहरादून के कोलागढ़ क्षेत्र में किराए के एक मकान में रहता था ।

उन्होंने बताया कि घटनास्थल से मिला वाहन देहरादून के मालदेवता क्षेत्र के निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है जिन्होंने बताया कि मित्तल पूर्व में चाइल्ड लाइफ केयर मिशन नाम से एक गैर सरकारी संगठन चलाता था और उसी दौरान हुई मित्रता के बाद उन्होंने अपने नाम से मित्तल के लिए वाहन फाइनेंस करवाया था ।

भाषा

नोमान माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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