नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने फिल्म बाजार 2024 कार्यक्रम में ‘‘वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब’’ के लिए ‘‘छह फिल्मों’’ का चयन किया है।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के इतर इसका आयोजन होगा। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, छह में से पांच फिल्में युवा और उभरते फिल्मकारों की पहली फीचर फिल्म हैं।
इन फिल्मों में त्रिबेनी राय (नेपाली) की ‘‘शेप ऑफ मोमोज’’, शक्तिधर बीर (बांग्ला) की ‘‘गैंगशालिक’’ (‘‘गैंगशालिक-रिवर बर्ड’’), मोहन कुमार वलसाला (तेलुगु) की ‘‘येरा मंदारम’’ (‘‘द रेड हिबिस्कस’’), रिधम जानवे (गद्दी, नेपाली) की ‘‘कत्ती री रत्ती’’ (‘‘हंटर्स मून’’), सिद्धार्थ बादी (मराठी) की ‘‘उमल’’ और विवेक कुमार (हिंदी) की ‘‘द गुड द बैड द हंग्री’’ शामिल हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि गोवा में आयोजित होने वाला आईएफएफआई युवा फिल्मकारों की नवीन कहानी और नए दृष्टिकोण को उजागर करने का मंच मुहैया करा रहा है।
इसमें कहा गया, ‘‘इस महोत्सव की प्रतिबद्धता इस बात से स्पष्ट है कि इसमें वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब परियोजनाओं का बड़ा हिस्सा नवोदित फिल्मकारों द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो उद्योग में नयी प्रतिभाओं को मान्यता और समर्थन को रेखांकित करता है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘यह पहल न केवल रचनात्मकता को बढ़ावा देती है, बल्कि दर्शकों को ऐसी कहानियों से जुड़ने के लिए आमंत्रित करती है जो कई स्तरों पर गूंजती हैं, जो कलाकारों की नयी पीढ़ी के नजरिए से समकालीन जीवन की जटिलताओं को दर्शाती हैं। यह सिनेमा के लिए एक रोमांचक समय है और फिल्म बाजार इन उभरती आवाज का जश्न मनाने में सबसे आगे है।’’
‘‘वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब’’ को 2018 में शुरू किया गया था। यह थिएटर रिलीज के उद्देश्य से फिक्शन फीचर के लिए समर्पित है।
भाषा आशीष प्रशांत
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