नई दिल्ली: भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने सोमवार को कहा कि रूस के हमले के कारण जमीनी हालात ‘बहुत मुश्किल और जटिल’ होने के बावजूद यूक्रेनी अधिकारी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने में मदद करने का प्रयास कर रहे हैं.
पोलिखा ने कहा कि उन्होंने स्वयं यूक्रेनी सुरक्षाबलों से फंसे हुए भारतीयों की सहायता करने का अनुरोध किया है.
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हालात बहुत मुश्किल और जटिल हैं. मेरे पास सीमित संसाधन हैं. हम हमले का शिकार हुए हैं. इसके बावजूद हम अन्य देशों के लोगों समेत सभी की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.’
पोलिखा ने कहा कि यूक्रेन-पोलैंड की सीमा पर हालात चुनौतीपूर्ण हैं, क्योंकि राजनयिकों, विदेशी नागरिकों एवं यूक्रेनी नागरिकों समेत लाखों लोग यूक्रेन से बाहर निकलना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय नागरिकों के संदर्भ में, हम उनकी मदद करने के लिए अपने निजी संपर्कों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन आपको जमीनी हकीकत को समझना होगा. हम युद्ध की स्थिति में हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, पोलिखा ने कहा कि केवल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ही यह आश्वासन दे सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि तीन घंटे बाद क्या होगा. हम सभी की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.’
भारतीय अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बताया था कि यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय नागरिक हैं.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को कहा था कि पिछले कुछ दिनों में 2,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला गया है.
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इस हमले में बच्चे भी हुए शिकार, युद्ध रोको
इगोर ने आगे कहा,’ यूक्रेन के शरणार्थियों की संख्या 4 लाख को पार कर गई है. अगर जंग नहीं रुकी तो यह संख्या 70 लाख तक पहुंच सकती है. सीमा पर बहुत लंबी कतारें हैं. लाखों यूक्रेनियन कतार में खड़े हैं, सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं.’
डॉ इगोर पोलीखा ने कहा कि हम अपने सभी विदेशी साझेदारों से अनुरोध कर रहे हैं कि युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालें. आज हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले दौर की शांति वार्ता करने गया था. शांति वार्ता के दौरान भी हुई लगातार गोलाबारी, बमबारी रूस लगातार करता रहा.
भारत में यूक्रेन के राजदूत डॉ इगोर पोलिखा ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि इस युद्ध में बहुत सारे नागरिक हताहत हो रहे हैं. हमारे मंत्रालय की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रूसी शांति-संघर्ष अभियान के परिणामस्वरूप पहले से ही बम विस्फोटों, गोलाबारी आदि से 16 बच्चे मारे जा चुके हैं.’
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