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सोमवार, 28 अप्रैल, 2025
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पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील पर स्थिर, ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध अब भी बरकरार : सेना प्रमुख

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नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध बरकरार है और दोनों पक्षों को बैठकर इस मुद्दे पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है कि स्थिति को कैसे शांत किया जाए।

जनरल द्विवेदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को संवेदनशील लेकिन स्थिर बताया। उन्होंने कहा कि कोर कमांडरों को अब गश्त और मवेशियों को घास चराने से संबंधित ‘मामूली’ मुद्दों या ‘मामूली विवादों’ को हल करने की शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि वे बाद में ‘बड़ा मुद्दा’ ना बनें।

सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि बफर जोन नाम की कोई चीज नहीं है क्योंकि हिंसा की संभावना से बचने के लिए कुछ क्षेत्रों में गश्त पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।

अप्रैल 2020 में टकराव शुरू होने के बाद से क्षेत्र में आए बदलावों की चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र से ‘छेड़छाड़’ की है, निर्माण कार्य किए, सैनिकों की तैनाती की और सैन्य साजोसामान का भंडारण किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, इसका मतलब यह है कि (अब भी) ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध है। अब चूंकि आपने अप्रैल 2020 के बाद स्थिति बदल दी है, इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास की एक नयी परिभाषा होनी चाहिए।’’

जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना सीमा संबंधी मसलों को लेकर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक के साथ-साथ भारत-चीन सीमा मामलों पर डब्ल्यूएमसीसी (परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र) के ढांचे के तहत बातचीत की उम्मीद कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘बैठकों के बाद मिले मार्गदर्शन के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।’’ पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग के गतिरोध वाले दो शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर बातचीत की और संबंधों को सामान्य बनाने के इरादे का संकेत देते हुए विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने पर सहमति व्यक्त की।

पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बीजिंग की यात्रा की और सीमा विवाद पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की।

जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। अक्टूबर 2024 में पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक में स्थिति सुलझ गई थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन दो उप-क्षेत्रों के पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। इसी तरह इन दोनों क्षेत्रों में पशु चराने की पारंपरिक गतिविधि भी शुरू हो गई है।’’

एलएसी पर भारत की सैन्य तैनाती को ‘संतुलित और मजबूत’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ‘अच्छी तरह तैयार’ है।

सेना प्रमुख ने एलएसी की समग्र स्थिति पर कहा, ‘‘हम सीमा बुनियादी ढांचे और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

जम्मू कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम समझौता कायम है।

साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं और पाकिस्तान की तरफ आतंकी ढांचा बरकरार है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 प्रतिशत आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे।

मणिपुर के बारे में सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सरकार की सक्रिय पहलों से राज्य में स्थिति नियंत्रण में आ गई है।

हालांकि, सेना प्रमुख ने कहा कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं जारी हैं और सशस्त्र बल क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमा में स्थिति के किसी भी प्रभाव की आशंका से निपटने के लिए भारत-म्यांमा सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

भाषा संतोष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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