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Sunday, 3 November, 2024
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सीतारमण ने दी एनआरआई को सफाई, कहा- आप दुबई में जो कमा रहे हैं मैं उस पर कर नहीं लगा रही

सीतारमण ने कहा, ‘आपकी कोई संपत्ति भारत में है, आपने उसे किराये पर दिया है, लेकिन आप विदेश में रहते हैं तो इस संपत्ति पर कर लगाने का संप्रभु अधिकार है.

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नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण के दौरान प्रवासी भारतीयों पर कर लगाए जाने की घोषणा के बाद रविवार को इस मामले में सफाई दी है. सीतारमण ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की विदेशों में होने वाली आय पर कर लगाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है बल्कि उनकी केवल भारत में होने वाली आय पर ही कर लगाया जायेगा.

वित्त मंत्री ने शनिवार को अपने बजट भाषण में प्रवासी भारतीयों पर कर लगाये जाने के बारे में घोषणा की थी. इस घोषणा को लेकर प्रवासियों के बीच उनकी विदेशों में होने वाली कमाई पर कर लगने को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होने लगी.

सीतारमण ने कहा, ‘हम अब जो कर रहे हैं वह यह है कि प्रवासी भारतीयों की भारत में होने वाली आय पर यहां कर लगाया जायेगा. यदि उनकी किसी दूसरे देश अथवा अलग अधिकार क्षेत्र में कोई आय होती है जहां कर नहीं लगता है, तो उनकी उस आय को मैं यहां शामिल नहीं कर रही हूं, उनकी यह कमाई विदेश की है.’

बजट बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीतारमण ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘आप दुबई में जो कमा रहे हैं मैं उस पर कर नहीं लगा रही.’

भारत की कमाई पर सरकार की नज़र

सीतारमण ने स्पष्ट किया, ‘आपकी यदि कोई संपत्ति भारत में है, आपने उसे किराये पर दिया है, लेकिन आप विदेश में रहते हैं इसलिये यहां किराये पर मिलने वाली कमाई को आप वहां ले जाते हैं. आप वहां भी कर नहीं देते हैं और यहां भी नहीं देते हैं ….. आपकी यह संपत्ति भारत में है, इसलिये मुझे इस पर कर लगाने का संप्रभु अधिकार है.’


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वित्त विधेयक 2020 में यह प्रस्ताव किया गया है कि यदि कोई भारतीय नागरिक किसी देश अथवा दूसरे अधिकार क्षेत्र में कर देने का पात्र नहीं है तो उसे भारत में निवास करने वाला नागरिक माना जायेगा. यह स्थितियों का लाभ उठाने से रोकने वाला प्रावधान है. क्योंकि यह देखा गया है कि कुछ भारतीय नागरिक भारत कर देने से बचने के लिये ऐसे देशों अथवा अलग स्थानों में चले जाते हैं जहां कोई कर नहीं देना होता है अथवा बहुत कम कर लगता है.

मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘इस नये प्रावधान में उन भारतीय नागरिकों को कर दायरे में लाने की कोई मंशा नहीं है विदेशों में काम कर रहे हैं. मीडिया के एक हिस्से में इस प्रावधान को इस तरह परिभाषित किया गया है कि पश्चिम एशिया सहित विदेशों में काम कर रहे भारतीय, जो वहां कर नहीं दे रहे हैं उन पर भारत में कर लगाया जायेगा. इस प्रावधान की इस तरह की व्याख्या सही नहीं है.’

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