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Sunday, 5 January, 2025
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छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले की जांच करेगी एसआईटी

पुलिस ने पूछताछ के लिए 3 लोगों को हिरासत में लिया है. एडिटर्स गिल्ड ने घटना को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया. यूट्यूब चैनल बस्तर जंक्शन चलाने वाले मुकेश चंद्राकर बुधवार को लापता हो गए थे.

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव शुक्रवार को बीजापुर जिले में एक ठेकेदार के परिसर में बने सेप्टिक टैंक में पाया गया वह दो दिन पहले लापता बताए गए थे. अब उनकी हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और कथित तौर पर पूछताछ के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे संदिग्ध हत्या का “गहरा परेशान करने वाला” मामला बताया. शनिवार को एक बयान में गिल्ड ने पत्रकारों, खासकर ग्रामीण और संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया. इसने कहा, “स्वतंत्र प्रेस को बिना किसी डर या धमकी के काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए” और छत्तीसगढ़ सरकार से त्वरित और गहन जांच सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साई ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में मुकेश की “हत्या” को पत्रकारिता और समाज दोनों के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया.

बस्तर में नक्सल संघर्ष पर अपनी गहन रिपोर्टिंग के लिए पहचान बनाने वाले मुकेश ने अन्य मुद्दों के अलावा जिले में सड़क निर्माण परियोजनाओं में 1,200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार पर भी रिपोर्टिंग की थी. बतौर फ्रीलांसर राष्ट्रीय समाचार आउटलेट्स के साथ काम करने के अलावा, उन्होंने बस्तर जंक्शन नाम से एक YouTube चैनल भी चलाया, जिसके 1.6 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं.

बुधवार को लापता होने के बाद, उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर — जो एक पत्रकार भी हैं — ने उसी दिन एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बीजापुर में गंगालूर से नेलसनार गांव तक सड़क के निर्माण में कथित गड़बड़ियों पर मुकेश के इन्वेस्टिगेटिव काम का उल्लेख किया गया था, जिसके कारण जांच हुई थी. शिकायत में कहा गया था कि मुकेश को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित परियोजना से जुड़े तीन लोगों से धमकियां मिल रही थीं.

शुक्रवार को पुलिस ने मुकेश के शव को चट्टनपारा बस्ती में एक निर्माण स्थल पर एक नए सीमेंटेड सेप्टिक टैंक में खोजा — एक परिसर जिसका उपयोग निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के लिए किया जाता था.

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मुकेश के सिर पर चोट के निशान थे. युकेश ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने 1 जनवरी को आधी रात के बाद मुकेश को मिलने के लिए बुलाया था.

जबकि पुलिस ने अभी तक मुकेश की हत्या के सिलसिले में हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके भाइयों रितेश और दिनेश को गिरफ्तार कर लिया गया है.

दिप्रिंट ने पुष्टि के लिए बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव से संपर्क किया, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला.

मुकेश चंद्राकर बस्तर में सामाजिक-राजनीतिक स्थिति पर सक्रिय रूप से रिपोर्टिंग कर रहे थे, जिसमें आदिवासी अधिकारों से जुड़े मुद्दों और सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच चल रहे संघर्ष को कवर किया गया था. उनके वीडियो स्थानीय युवाओं और आदिवासियों के सामने आने वाले मुद्दों पर भी केंद्रित थे.

22 दिसंबर को NDTV ने मुकेश की जांच चलाई कि कैसे बीजापुर में 52 किलोमीटर लंबी सड़क 120 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद खराब स्थिति में है. जगदलपुर लोक निर्माण विभाग ने संज्ञान लिया और कथित धांधलियों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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