धर्मस्थल (कर्नाटक), 28 जुलाई (भाषा) कर्नाटक सरकार की ओर से गठित एसआईटी में शामिल पुलिस अधिकारियों ने राज्य के धर्मस्थल कस्बे में सोमवार को उन जगहों का स्थल निरीक्षण शुरू कर दिया, जहां शवों को कथित रूप से सामूहिक तौर पर दफनाया गया है। यह जानकारी पुलिस ने दी।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शिकायतकर्ता के साथ ही भूमि अभिलेख अधिकारियों, स्थानीय पुलिस और जिला प्राधिकारियों के साथ धर्मस्थल के प्रवेश द्वार पर नेत्रवती नदी के स्नान घाटों सहित कई स्थानों का दौरा किया।
पुलिस ने बताया कि एसआईटी मामले में गवाह और शिकायतकर्ता पूर्व सफाई कर्मचारी को जांच के सिलसिले में विभिन्न स्थानों पर ले गई। पूर्व सफाई कर्मी 27 जुलाई को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए एसआईटी के समक्ष पेश हुआ था।
एसआईटी ने कडाबा के तहसीलदार प्रभाकर खजुरे के साथ नेत्रवती नदी के तट पर प्रारंभिक स्थल निरीक्षण किया। यह निरीक्षण स्थानीय समूहों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर आधारित था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भूमि के कुछ हिस्सों का उपयोग सामूहिक तौर पर दफनाने के लिए किया गया हो सकता है।
दक्षिण कन्नड़ के उपायुक्त दर्शन एचवी ने मामले के स्थानीय स्तर पर और मीडिया में तूल पकड़ने के बाद निरीक्षण का आदेश दिया था।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि घाट क्षेत्र के उस हिस्से के नीचे कंकाल के अवशेष दबे हो सकते हैं, जहां पहले कथित तौर पर खुदाई की गई थी।
पुलिस ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कोई अवशेष नहीं मिला। उसने कहा कि आने वाले दिनों में फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से विस्तृत जांच की जाएगी।
राज्य सरकार ने सामूहिक हत्या, यौन उत्पीड़न और धर्मस्थल में शवों को सामूहिक रूप से दफनाए जाने के गंभीर आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जो कथित तौर पर दो दशकों से अधिक समय से जारी था।
एसआईटी प्रमुख प्रणब मोहंती, पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा प्रभाग) निरीक्षण की निगरानी करने और जांच की प्रगति का जायजा लेने के लिए स्थल निरीक्षण टीम में शामिल हुए।
एसआईटी में पुलिस उप महानिरीक्षक (भर्ती) एमएन अनुचेत और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी सौम्यलता एसके और जितेंद्र कुमार दयामा भी शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि टीम ने स्थानीय अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया, गुमशुदा व्यक्तियों के रिकॉर्ड की समीक्षा की और क्षेत्र में संदिग्ध मौतों की पिछली रिपोर्ट की पुनः जांच की।
भाषा अमित पारुल
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