नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण और तीन लोक सेवकों के आवासों सहित 21 स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआई के सूत्रों में दिप्रिंट को बताया राजधानी की नई आबकारी नीति की जांच के संबंध में ये छापेमारी की जा रही है.
सूत्र ने कहा, ‘जांच अभी भी जारी है और आबकारी नीति में सुधार से संबंधित सभी दस्तावेजों को जब्त किया जा रहा है. एलजी [लेफ्टिनेंट गवर्नर] दिल्ली द्वारा आबकारी नीति में अनियमितताओं को हरी झंडी दिए जाने के बाद ही यह मामला दर्ज किया गया था.
मुख्य सचिव द्वारा तैयार की गई एक आकलन रिपोर्ट के अनुसार, 22 जुलाई को, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में ‘जानबूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक’ का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
इस निर्देश के बाद, सूत्र ने कहा, सीबीआई ने अगस्त में आरोपों के संबंध में एक मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.
सीबीआई सूत्रों ने आगे कहा, ‘यह संदेह है कि महामारी की चपेट में बिजनेस को नुकसान पहुंचने की दलील देकर शराब कारोबारियों को लाइसेंस माफ किया गया. उनको इस तरह अनुचित्त वित्तीय लाभ देने से, राज्य को 140 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. यह भी आरोप है कि एहसान के बदले रिश्वत ली गई और उस पैसे का इस्तेमाल पंजाब के चुनावों में किया गया. सभी आरोपों की जांच की जा रही है.’
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने सिलसिलेवार ट्वीट किया कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे और उन्हें उसके खिलाफ कुछ भी नहीं मिलेगा.
सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं . लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं.
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया.
— Manish Sisodia (@msisodia) August 19, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे ताकि सच्चाई सामने आए. अब तक कई मामलों में मुझसे पूछताछ की जा चुकी है लेकिन मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला. इस बार भी एजेंसी को कुछ नहीं मिलेगा. वे शिक्षा के क्षेत्र में मेरे काम को नहीं रोक सकते.’
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कामों से केंद्र चिंतित है, यही वजह है कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भी निशाना साधा है, जो इस समय कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर न्यायिक हिरासत में हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘वे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम को रोकना चाहते हैं. हम दोनों को फंसाया जा रहा है. अदालत में सच सामने आएगा.’
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