सिरसा, 28 सितंबर (भाषा) हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव नहीं लड़ने से यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के बीच लगभग तय माना जा रहा है।
एचएलपी पिछले पांच वर्षों से हरियाणा में एनडीए का समर्थन कर रही है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सिरसा एकमात्र ऐसी सीट है, जहां सत्तारूढ़ भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।
कांग्रेस ने भाजपा पर कांडा को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने का आरोप लगाया है।
राज्य में भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही इनडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने भी इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और मौजूदा विधायक कांडा को अपना समर्थन दिया है।
आईएनएलडी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने भी निर्वाचन क्षेत्र में कांडा के लिए प्रचार किया।
वहीं कांग्रेस ने कहा कि हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के नेता इनेलो के समर्थन का दावा करके मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं, जबकि वे ‘खुले तौर पर भाजपा का समर्थन’ भी कर रहे हैं। सिरसा से भाजपा प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने 16 सितंबर को इस सीट पर से अपना नाम वापस ले लिया। इस कदम को कांडा को मौन समर्थन देकर कांग्रेस विरोधी मतविभाजन से बचने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस ने 36 वर्षीय गोकुल सेतिया को चुनाव मैदान में उतारा है। सेतिया ने 2019 विधानसभा चुनाव में कांडा के खिलाफ निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 602 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
सेतिया ने कहा, “भाजपा ने अभी तक यह नहीं बताया कि उन्होंने अपना उम्मीदवार वापस क्यों लिया। वहीं गोपाल कांडा अभी तक कहते आए थे कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं। अब, इनेलो उन्हें समर्थन दे रही है।”
उन्होंने कहा, “कांडा यहां अपनी हवेली के ऊपर भाजपा का झंडा फहरा रहे हैं। लोग मूर्ख नहीं हैं। जनता साफ तौर पर देख सकती है कि कौन सी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं और कौन सी पार्टियों ने पर्दे के पीछे हाथ मिलाया हुआ है।”
बता दें कि कांडा ने 2009 में सिरसा से निर्दलीय चुनाव जीतकर कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था। कांडा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में गृह मंत्री रहे थे लेकिन 2012 में गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
कांडा को 2023 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया था। सिरसा से इस बार 11 और उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन सिरसा में मुख्य मुकाबला एचएलपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है।
हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान होगा जबकि नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
भाषा जितेंद्र माधव
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