scorecardresearch
Wednesday, 30 July, 2025
होमदेशएसआईआर का मतलब ‘मौन अदृश्य धांधली’ : अभिषेक बनर्जी

एसआईआर का मतलब ‘मौन अदृश्य धांधली’ : अभिषेक बनर्जी

Text Size:

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को मतदाता सूची में ‘‘मौन अदृश्य धांधली’’ करार दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर निर्वाचन आयोग यह काम कर रहा है।

बनर्जी ने संसद परिसर में मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘हम सबने देखा है कि एसआईआर के नाम पर देश में क्या हो रहा है। उचचतम न्यायालय में मामला दायर किया गया है। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है, लेकिन बिहार से आ रही जानकारी डरावनी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुत्तों और ट्रैक्टरों को दस्तावेज मिल रहे हैं… अब कुत्ते और ट्रैक्टर वोट देंगे, जबकि लोगों का वोट देने का अधिकार छीन लिया जा रहा है।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग भाजपा के लिए जिस तरह से धांधली कर रहा है, यह एसआईआर विशेष गहन पुनरीक्षण नहीं है, बल्कि भाजपा के इशारे पर निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही ‘मौन अदृश्य धांधली’ है।’’

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में एक भी नाम नहीं कटने देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पश्चिम बंगाल से एक भी नाम हटाया गया तो वे अपनी पूरी ताकत लगा सकते हैं। वे देखेंगे कि क्या होता है।’’

निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछला विधानसभा चुनाव कोविड-19 महामारी के बीच आठ चरणों में हुआ था।

उन्होंने कहा, ‘‘डायमंड हार्बर एक लोकसभा क्षेत्र है, जहां तीन चरणों में मतदान हुआ।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग नहीं चाहता कि लोग वोट डालें। सरकार चलाने वाले जानते हैं कि अगर उन्होंने लोगों को वोट देने दिया तो उन्हें करारा जवाब मिलेगा। लोकसभा में भी यही हुआ था, उन्हें 240 तक सीमित कर दिया गया था… यह आंकड़ा और नीचे जाएगा।’’

बनर्जी ने एसआईआर को विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में ‘‘पिछले दरवाजे से प्रवेश’’ बताया।

बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की मौजूदगी के दावों पर उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को समझना चाहिए कि बांग्लादेशी भारत में कैसे घुसते हैं… यह गृह मंत्रालय के अधीन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गलती के कारण है। ज्ञानेश कुमार अमित शाह के साथ मिलकर काम करते रहे हैं, उनके पास उनका नंबर जरूर होगा, उन्हें पहले अपने पूर्व ‘बॉस’ के सामने यह मुद्दा उठाना चाहिए।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह की यह सबसे बड़ी नाकामी है। उनके कार्यकाल में पहलगाम और पुलवामा जैसी घटनाएं हुई हैं। आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने में कैसे कामयाब हो गए?’’

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की भी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘भाजपा मवेशियों और कोयले की तस्करी की बात करती है – जब बीएसएफ सीमा की रखवाली कर रहा है, तो एक गाय भारतीय क्षेत्र में कैसे घुस सकती है? बीएसएफ किसके अधिकार क्षेत्र में आता है? बीएसएफ या सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की मदद के बिना कोयले या मवेशियों की तस्करी कैसे हो सकती है?’’

बनर्जी ने कहा कि घुसपैठ के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने किसी भी बीएसएफ या सीआईएसएफ अधिकारी को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया।

उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तारियां तो दूर की बात है, उन्होंने सीआईएसएफ या बीएसएफ के महानिदेशक को समन तक जारी नहीं किया है। अमित शाह मुख्य व्यक्ति हैं, उन्हें पहले इस्तीफ़ा देना चाहिए।’’

भाषा

सुरभि नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments