कोटा, 17 अगस्त (भाषा) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख पहल, ‘टेली-मानस’ हेल्पलाइन पूरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में उभरी है।
वर्ष 2022 में इस सेवा की शुरुआत होने के बाद से 24 लाख से अधिक फोन कॉल मदद के लिए आए हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त की गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
आरटीआई के मुताबिक, रोजाना औसतन 2500 से अधिक फोन कॉल टेली मानस को प्राप्त होते हैं।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस), बेंगलुरु के तत्वावधान में संचालित यह हेल्पलाइन 10 अक्टूबर, 2022 को शुरू की गई थी।
आरटीआई के तहत किये गए आवेदन के जवाब में कहा गया है कि एक दिसंबर, 2022 से 24 जुलाई, 2025 के बीच हेल्पलाइन ने 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 24,25,885 कॉल का जवाब दिया है।
इस प्रकार टेली मानस को प्रतिदिन औसतन 2,511 कॉल प्राप्त होती हैं, जो देश में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की बढ़ती गंभीरता को रेखांकित करता है।
कोटा के रहने वाले कार्यकर्ता और अधिवक्ता सुजीत स्वामी ने जून 2024 में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदन दाखिल किया था जिसका जवाब 31 जुलाई को प्राप्त हुआ।
यह हेल्पलाइन, विशेष रूप से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में 24 घंटे निःशुल्क टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार की गई है जो लाखों लोगों के लिए आशा की किरण बन गई है।
दी गई सूचना कॉल करने वालों की विविधता को भी दर्शाता है। इसके मुताबिक सबसे अधिक 31-60 आयु वर्ग के लोगों ने कॉल किये। इस आयु वर्ग के लोगों के 2,86,286 कॉल (लगभग 296 कॉल प्रतिदिन) आए। उसके बाद 19-30 आयु वर्ग के लोग 1,98,409 कॉल (205 कॉल प्रतिदिन) के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों ने 37,745 कॉल (39 कॉल प्रतिदिन) किया।
इस हेल्पलाइन को सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से 4,39,164 कॉल (प्रतिदिन 455 कॉल) प्राप्त हुईं। इसके विपरीत सबसे कम 722 कॉल लक्षद्वीप से प्राप्त हुईं।
भाषा धीरज संतोष
संतोष
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