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सोमवार, 2 जून, 2025
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भारत के नवाचार-आधारित आर्थिक विकास के लिए नियमों का सरलीकरण महत्वपूर्ण: जितेंद्र सिंह

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नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के नवाचार-आधारित आर्थिक विकास के लिए प्रशासनिक नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण महत्वपूर्ण है।

विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने ‘‘प्रक्रियागत सुगमता’’ पर जोर दिया।

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के समक्ष लंबे समय से चल रहे प्रशासनिक और कार्मिक संबंधी मुद्दों को मौके पर सुलझाना था।

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सुगम अनुसंधान एवं विकास (आरएंडी) के माध्यम से भारत के नवाचार-आधारित आर्थिक विकास के लिए प्रशासनिक नियमों को सरल बनाना महत्वपूर्ण है।

प्रक्रियागत सुगमता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक संस्थानों को परेशान करने वाले कई मुद्दे, भर्ती नियमों, सेवा शर्तों, सेवानिवृत्ति आयु आदि में विसंगतियों में निहित हैं, जो अक्सर अन्य नौकरशाहों और संबंधित मंत्रालयों की तुलना में भिन्न होते हैं।

सिंह ने सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों में प्रशासनिक तंत्र में अधिक एकरूपता की आवश्यकता को रेखांकित किया।

मंत्री ने कहा, ‘‘अगर हमें भारत में शोध और नवाचार को आसान बनाना है, तो इन प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शोध और नवाचार के साथ मिलकर भारत की आर्थिक वृद्धि के अग्रदूत बनने जा रहे हैं।’’

उन्होंने प्रणालीगत बाधाओं को दूर करने और भविष्य के नीति सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों को एक मंच पर लाने की पहल की।

सिंह ने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक है, क्योंकि यह अंतर-मंत्रालयी सहयोग, 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण के लिए माहौल तैयार करती है। हमें रूढ़िवादी मार्ग से हटना चाहिए, जिसमें समाधान निकालने में बहुत समय लगता है और इसके बजाय वास्तविक समय में मुद्दों को हल करने के लिए ऐसी सफल बैठकों का उपयोग करना चाहिए।’’

प्रशासनिक दक्षता की दिशा में सरकार के व्यापक प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, मंत्री ने नागरिकों और वैज्ञानिक समुदाय दोनों के लाभ के लिए 1,600 से अधिक अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए डीओपीटी के हालिया अभियान का उल्लेख किया।

उच्च-स्तरीय बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक और सचिव एन कलईसेलवी, डीओपीटी की सचिव रचना शाह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय करंदीकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश गोखले और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

भाषा सुरेश वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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