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मंगलवार, 17 जून, 2025
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सिम तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, सीमा पार गेमिंग नेटवर्क में मदद करने के आरोप में पांच लोग गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) दिल्ली पुलिस की आईजीआई इकाई ने एक सिम तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसके कथित तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग नेटवर्क से संबंध हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश के पांच लोगों को धोखाधड़ी से 398 सक्रिय भारतीय सिम कार्ड हासिल करने और उन्हें विदेश (मुख्य रूप से दुबई) भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

यह गिरोह तब सामने आया जब सीआईएसएफ ने 15 फरवरी को आईजीआई हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर सुनील रावत नामक व्यक्ति को रोका।

बयान में कहा गया है कि भारतीय नागरिक रावत को दुबई जाने के लिए विमान में सवार होना था उसके पास विभिन्न नामों से पंजीकृत 398 सक्रिय सिम कार्ड पाए गए।

जांच से पता चला कि रावत कथित तौर पर फैजल नामक दुबई स्थित एक सूत्र के निर्देश पर काम कर रहा था, जिसने सिम कार्ड पहुंचाने के बदले में उसे 35,000 रुपये और नौकरी की पेशकश की थी।

पूछताछ के दौरान रावत ने खुलासा किया कि सिम कार्ड की व्यवस्था मध्य प्रदेश में उसके दोस्तों ने की थी और कूरियर के माध्यम से उसे भेजे थे।

सिम के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं की पहचान अश्विन कुमार और अंकित कुमावत के रूप में हुई है, जो दोनों मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं।

पुलिस की एक टीम को उज्जैन और देवास जिलों के लिए रवाना किया गया जहां से अंकित कुमावत को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के अनुसार, उसने स्थानीय लोगों को मुफ्त डेटा और कॉल का लालच देकर गुमराह करके सिम कार्ड खरीदे थे।

इसमें कहा गया है कि प्रत्येक सिम कार्ड 500 रुपये में अश्विन कुमार को बेचा गया, जिसने बाद में उसे दुबई में अपने भाई मनीष कुमार और सहयोगी फैजल को बेच दिया।

देवास में छोटा सा व्यवसाय चलाने वाले अश्विन कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

धीरे-धीरे देवास निवासी तीन और लोगों, मनीष कुमार (अश्विन का भाई), लोकेन्द्र सेंधव और द्वारका प्रसाद को पकड़ लिया गया।

पुलिस ने बताया कि संदिग्ध सरगना फैजल अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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