नई दिल्ली: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में सुरंग ढहने से 41 मजदूरों के फंसे होने के 264 घंटे बाद भी बचाव कार्य जारी है. बचाव अभियान की निगरानी कर रहे अधिकारियों का मानना है कि वे एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने के करीब हैं.
अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने बुधवार को कहा कि अगले 24 घंटों में कुछ बड़ी खबर आने की उम्मीद है, क्योंकि 41 श्रमिकों को निकालने के लिए 880 मिलीमीटर का पाइप भी मलबे से 21 मीटर अंदर डाला गया है.
अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात से उन्होंने तीन और पाइप डाले हैं, जो सुरंग के अंदर हॉरिजोंटल ड्रिलिंग के माध्यम से 40-50 मीटर तक पहुंच गए हैं.
सुरंग के मुहाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे के साथ आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अहमद ने कहा, “सुरंग के 21 मीटर अंदर एक अतिरिक्त 800 मिमी पाइप भी डाला गया है.”
अधिकारी ने कहा कि लगभग 12:45 बजे, “उन्होंने ऑगर मशीन के माध्यम से ड्रिलिंग शुरू की और अब तक, हमने तीन और पाइपों को अंदर डाला है…”
उन्होंने कहा, “हम जल्द ही सुरंग के अंदर 45-50 मीटर तक पहुंच जाएंगे, हम आपको सटीक समय नहीं बता पाएंगे. हम हॉरिजोंटल ड्रिलिंग भी कर रहे हैं, हम वहां से लगभग 8 मीटर अंदर भी प्रवेश कर चुके हैं.”
उन्होंने कहा, “अगर कोई रुकावट नहीं आई तो आज रात या कल सुबह कोई बड़ी खबर मिल सकती है. मलबे के साथ एक लोहे की रॉड भी आई है. खुशी की बात है कि पाइप लाइन बिछाने के बीच में यह लोहा नहीं गिरा.”
भूस्खलन के बाद निर्माणाधीन संरचना के 2 किलोमीटर लंबे हिस्से में 10 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए कुल पांच एजेंसियों – ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
12 नवंबर को सिल्क्यारा से बारकोट तक एक सुरंग के निर्माण के दौरान सुरंग के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरने के कारण 41 मजदूर फंस गए थे.
मंगलवार की सुबह, बचावकर्मी सुरंग में एक एंडोस्कोपी कैमरा डालने में कामयाब रहे और कैप्चर किए गए पहले दृश्यों से पता चला कि 41 श्रमिकों के पास चलने के लिए सुरंग के अंदर पर्याप्त जगह थी.
पिछले 10 दिनों से अंदर फंसे श्रमिकों के दृश्य मंगलवार सुबह सामने आए.
अधिकारियों ने मंगलवार को फंसे हुए लोगों के पहले दृश्य जारी किए, जब वे एक मेडिकल एंडोस्कोपी कैमरे को नए बिछाए गए छह इंच के पाइप के माध्यम से अंदर पहुंचाने में कामयाब रहे. वीडियो में सफेद और पीले रंग की टोपी पहने लोगों को बचावकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए दिखाया गया. मंगलवार को पूरे दिन रिश्तेदारों समेत कई लोगों ने फंसे हुए मज़दूरों से बात की.
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