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सिक्किम ने 50वां राज्य स्थापना दिवस मनाया

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गंगटोक, 16 मई (भाषा) सिक्किम ने शुक्रवार को 50वां राज्य स्थापना दिवस मनाया और इस अवसर पर राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर एवं मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने राज्य के लोगों को बधाई दी।

दिन की शुरुआत तमांग के नेतृत्व में एमजी मार्ग से पलजोर स्टेडियम तक तिरंगा रैली के साथ हुई, जहां सभी छह जिलों से हजारों लोग एकत्र हुए थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के लोगों को इस मौके पर बधाई देते हुए कहा कि राज्य ने प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व प्रदर्शित करते हुए सतत विकास के बेहतरीन उदाहरण पेश किए हैं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं सिक्किम के सभी निवासियों का भविष्य समृद्धि से भरा होने और उनके कल्याण की कामना करती हूं।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिक्किम के लोगों को उसके राज्य दिवस पर बधाई दी तथा विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति की सराहना की।

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “सिक्किम के लोगों को उनके राज्य दिवस पर हार्दिक बधाई! इस वर्ष यह अवसर और भी विशेष है, क्योंकि हम सिक्किम के राज्य बनने की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं!”

उन्होंने कहा, “सिक्किम की पहचान उसकी शांत प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और मेहनती लोगों से होती है। उसने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मेरी कामना है कि इस सुंदर राज्य के लोग निरंतर समृद्ध होते रहें।”

देश को 1947 में मिली स्वतंत्रता के बाद भारतीय संघ के अधीन संरक्षित राज्य का दर्जा प्राप्त सिक्किम, जनमत संग्रह के बाद आज ही के दिन 1975 में भारत में शामिल हुआ था, और तब से इस पूर्वोत्तर राज्य ने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विकास मापदंडों पर तेजी से प्रगति की है।

इस अवसर पर तमांग ने राज्य की पांच दशक के सफर को लचीलेपन, समावेशी विकास और सांस्कृतिक संरक्षण की यात्रा बताया।

उन्होंने कहा, “स्वर्ण जयंती मनाते हुए, हम पिछले पांच दशकों की यात्रा पर श्रद्धापूर्वक विचार करते हैं, जो लचीलेपन, समावेशी विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और हमारे लोगों की सामूहिक भावना से चिह्नित यात्रा है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप “सुनाउलो सिक्किम, समृद्ध सिक्किम, आणि समर्थ सिक्किम” – एक स्वर्णिम, समृद्ध और सक्षम सिक्किम – के निर्माण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की।

अपने भाषण में राज्यपाल ने कहा, “यह स्वर्ण जयंती हमारे लोगों के साहस, हमारे नेताओं की बुद्धिमत्ता तथा सिक्किम और महान भारतीय राष्ट्र के बीच स्थायी साझेदारी के प्रति श्रद्धांजलि है।”

उन्होंने कहा कि 16 मई, 1975 का दिन राज्य की सामूहिक स्मृति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में अंकित है, जब सिक्किम के लोगों ने लोकतांत्रिक इच्छा और दूरदर्शिता के माध्यम से 22वें राज्य के रूप में भारतीय संघ का हिस्सा बनने का विकल्प चुना।

राज्यपाल ने कहा, “भारतीय संघ ने सिक्किम का खुले दिल से स्वागत किया है तथा अटूट समर्थन का वादा किया है।”

उन्होंने कहा, “सिक्किम एक रणनीतिक सीमावर्ती राज्य, जैव विविधता का संरक्षक और स्थिरता में अग्रणी के रूप में अपनी पूरी ताकत, रचनात्मकता और एकता के साथ योगदान देने के लिए तैयार है। हमारे युवा आगे बढ़ें, हमारी अर्थव्यवस्था फले-फूले, हमारी विरासत और समृद्ध हो”।

इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के.टी. परनाइक और मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस अवसर पर सिक्किम के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, परनाइक ने सिक्किम को भारत के सबसे शांतिपूर्ण, अनुशासित और स्वच्छतम राज्यों में से एक बताया तथा कहा कि यह सतत विकास का प्रतीक है, जिससे अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य राज्य प्रेरणा ले सकते हैं।

खांडू ने सिक्किम को प्राचीन सौंदर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यावरणीय नेतृत्व की भूमि बताया।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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