शिवमोगा (कर्नाटक), चार सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के भूखंड आवंटन मामले में अदालत का फैसला आने से पहले सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अदालत के फैसले के बाद सिद्धरमैया के सामने इस्तीफे की स्थिति होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अदालत का फैसला आने पर सिद्धरमैया के सामने शत प्रतिशत इस्तीफा देने की स्थिति होगी। मैं उन्हें सलाह देता हूं कि अदालत का फैसला आने से पहले सम्मानपूर्वक इस्तीफा दें। जिन भी घोटालों में उनका नाम है, वे साबित हो गए हैं और उनके बचने की कोई गुंजाइश नहीं है। देखते हैं कि क्या होता है।’’
येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘और अधिक लड़ाई की जरूरत नहीं है, एक तरह से चीजें अंतिम रूप में पहुंच गई हैं और उनके लिए स्वाभाविक रूप से इस्तीफे की स्थिति पैदा होगी।’’
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुडा मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक सोमवार को नौ सितंबर तक बढ़ा दी।
अदालत ने मामले में सिद्धरमैया पर मुकदमे के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी की वैधता को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत प्रदीप कुमार एस पी, टी जे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा द्वारा उन्हें सौंपी गई याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के मामले में मुकदमे की मंजूरी प्रदान की।
सिद्धरमैया ने 19 अगस्त को उच्च न्यायालय में राज्यपाल के आदेश की वैधता को चुनौती दी थी।
मंत्रिमंडल द्वारा बृहस्पतिवार को भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान कोविड-19 प्रबंधन में कथित अनियमितताओं पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्णय लेने की संभावना पर, येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘इसका कोई मतलब नहीं है। वे कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हम कानून के दायरे में इसका सामना करेंगे।’’
भाषा वैभव माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.