बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक सचिव और करीबी सहयोगी के. गोविंदराज को हटा दिया है, क्योंकि सरकार के भीतर कई लोगों का मानना था कि वही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली आईपीएल जीत पर जश्न मनाने पर जोर दे रहे थे.
गोविंदराज कर्नाटक ओलंपिक संघ (केओए) के लंबे समय से अध्यक्ष हैं और राज्य विधान परिषद के सदस्य भी हैं.
“जश्न मनाने का सुझाव देने वाले वही थे और फिर टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने सरकार को ऐसा न करने की सलाह दी थी,” एक व्यक्ति ने बताया जो घटनाक्रम से सीधे तौर पर वाकिफ है.
4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत और कई के घायल होने के बाद सरकार पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा था.
ऊपर बताए गए व्यक्ति ने कहा, “कल (5 जून) कैबिनेट बैठक में, मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि गोविंदराज ने ही जश्न मनाने पर जोर दिया और फिर मीडिया से कहा कि उन्होंने सरकार को ऐसा न करने की सलाह दी”
2017 में, जब सिद्धारमैया पहली बार मुख्यमंत्री थे, आयकर विभाग ने कथित तौर पर गोविंदराज के घर से एक डायरी बरामद की थी जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को दी गई घूस की जानकारी थी. फरवरी 2017 में, भाजपा के बी.एस. येदियुरप्पा ने आरोप लगाया था कि सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में 1,791 करोड़ रुपये के विवादास्पद स्टील फ्लाईओवर को मंजूरी देने के लिए 150 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी. इस राशि में से 65 करोड़ रुपये पार्टी हाईकमान को दिए गए थे, येदियुरप्पा ने दावा किया था.
कहा गया कि गोविंदराज की डायरी में आरजी, एसजी जैसे अक्षर थे जिन्हें भाजपा ने कांग्रेस हाईकमान के लिए बताया था.
बुधवार दोपहर को भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 14 साल की लड़की भी शामिल थी, और 47 लोग घायल हो गए. यह हादसा तब हुआ जब लाखों प्रशंसक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए जमा हो गए. लेकिन यह जश्न, जो केवल विशेष मेहमानों के लिए आयोजित था, उस वक्त हादसे में बदल गया जब बड़ी संख्या में भीड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गई और अंदर घुसने के लिए पेड़ों व बैरिकेड्स पर चढ़ने लगी, जिससे भगदड़ मच गई.
गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी. दयानंद, सहायक पुलिस आयुक्त सी. बालकृष्ण, पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल डिवीजन) शेखर एच. टेक्कनावर, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार विकास और क्यूबन पार्क पुलिस थाने के सर्कल इंस्पेक्टर ए.के. गिरीश को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया.
“यह पाया गया कि इन अधिकारियों द्वारा ड्यूटी में गंभीर लापरवाही की गई है,” निलंबन आदेश में कहा गया.
निलंबन के बाद, विपक्षी भाजपा और जेडीएस ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वे जिम्मेदारी से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं. जबकि सिद्धारमैया ने विपक्ष पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘मेरा भाई क्रिकेट का दीवाना था, उसी ने जान ले ली’: चिन्नास्वामी भगदड़ ने परिवारों को तोड़ दिया