(मनीष चंद्र पांडेय)
लखनऊ, चार जून (भाषा) ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) के मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिजन और दोस्तों को ‘स्पेसएक्स’ के ‘फाल्कन-9 रॉकेट’ पर उनके सवार होने का बेसब्री से इंतजार है।
लखनऊ के 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला 10 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से ‘स्पेसएक्स’ के ‘फाल्कन-9 रॉकेट’ पर सवार होकर अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू करेंगे।
इसके साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय के रूप में अपना नाम भी दर्ज कराएंगे। वह वर्ष 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यान में यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
शुक्ला के पिता सेवानिवृत्ति सरकारी कर्मचारी शंभू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह सच है कि हमारा बेटा इतिहास रचने की दहलीज पर है और नासा के ‘एएक्सआईओएम-चार’ मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार है। यह न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे देश के लिए बेहद गौरव का पल है और हम हर दिन इस अंतरिक्ष मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह हर दिन हमें फोन करके हमारा हालचाल पूछता है और अपनी अंतरिक्ष यात्रा से पहले हमें सहज महसूस कराता है। चूंकि शुभांशु प्रशिक्षण ले रहा है ऐसे में परिवार ने उसे डेढ़ साल से नहीं देखा है।’’
शुभांशु की बड़ी बहन शुचि मिश्रा ने कहा, ‘‘हम बातचीत करते समय सामान्य रहते हैं। हम मिशन की सफलता और अपने भाई के वापस घर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’
उन्होंने याद किया कि शुभांशु बचपन में विमान के बारे में बहुत उत्साहित होकर बात करते थे और यह एक सपना सच होने जैसा है।
शुचि ने कहा, ‘‘बचपन में वह एक बार ‘एयर शो’ देखने गया था और बाद में उसने मुझे बताया कि कैसे वह विमानों की रफ्तार और आवाज से मोहित हो गया। तब उसने अपने इस सपने के बारे में बात की थी। उस समय कोई नहीं बता सकता था कि वह अपने सपने को इतनी जल्दी पूरा करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से बेहद गर्व की बात है, क्योंकि मेरे भाई की यह अंतरिक्ष यात्रा एक अरब भारतीयों की आशाओं और आशीर्वाद के साथ हो रही है।’’
शुभांशु शुक्ला ने 12वीं तक की पढ़ाई लखनऊ स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) से की है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके स्कूल में भी उत्साह का माहौल है स्कूल प्रबंधन अपने शिष्य की इस दुर्लभ उपलब्धि के लाइव प्रसारण की व्यवस्था कर रहा है।
सीएमएस की प्रबंधक गीता गांधी किंगडन ने कहा कि स्कूल की सभी शाखाओं के 62,000 से अधिक छात्र शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा का जश्न अपनी कक्षाओं से मनाएंगे।
किंगडन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम सभी शुभांशु के साथ हैं और उनकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी यात्रा हमारे आदर्श सूत्र वाक्य ‘जय जगत’ को भी मूर्त रूप देती है जो प्रत्येक छात्र को सितारों की ओर लक्ष्य करने के लिए प्रेरित करेगी।’’
लखनऊ में सीएमएस की अलीगंज शाखा में शुक्ला के गणित के शिक्षक नागेश्वर प्रसाद शुक्ला वर्तमान में उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक के अंतरिक्ष मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
नागेश्वर ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एक शिक्षक के रूप में मैं इस बात से खुश हूं कि जिस तरह से उसने कड़ी मेहनत के दम पर प्रगति की है और अब वह आईएसएस की अंतरिक्ष यात्रा पर निकलने वाले हैं जो पहले किसी भारतीय ने नहीं की है।’’
शुंभाशु के पिता ने बताया कि यह किस्मत ही है कि शुक्ला को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा देते देख पाए।
उन्होंने कहा, ‘‘उसके कुछ सहपाठी एनडीए के लिए फॉर्म लेकर आए थे। उनमें से एक को पता चला कि उसकी उम्र कुछ दिन ज्यादा है और उसने शुभांशु से पूछा कि क्या वह उसके बदले आवेदन करना चाहेगा। इस तरह से यह सब शुरू हुआ।’’
उन्हें वह क्षण याद है जब परिवार को पता चला कि शुक्ला का चयन एनडीए के लिए हो गया है।
भाषा मनीष सलीम खारी
खारी
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