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Thursday, 19 December, 2024
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‘गर्व का क्षण’, श्री श्री रविशंकर ने चंद्रयान-3 की सफलता में महिला वैज्ञानिकों की सराहना की

सूर्य की ऊर्जा की खोज के लिए इसरो के नए मिशन आदित्य एल1 को लेकर भी उत्साहित दिखे. रविशंकर ने कहा कि यह भी पिछले मिशन की तरह ''सफल'' होगा.

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नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता ने पूरे विश्व के सामने भारत को एकबार फिर गर्वान्वित किया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों की देश से लेकर दुनिया तक सभी जगह तारीफ हो रही है. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने भी भारतीय वैज्ञानिकों की कामयाबी पर उन्‍हें बधाई देते हुए चंद्रयान की सफल लैंडिंग को गर्व का क्षण बताया और इस मिशन में महिला वैज्ञानिकों की भूमिका की भी सराहना की है. महिला वैज्ञानिकों की भूमिका को सराहते हुए उन्‍होंने कहा कि चांद पर लैंड करने के पल काफी भावुक करने वाले थे.

उन्होंने कहा, “यह एक बहुत ही भावनात्मक क्षण है कि हम चंद्रमा पर उतरे और हमें तस्वीर मिलनी शुरू हो गई है और आगे भी तस्वीरों की कई संभावनाएं हैं.”

आध्यात्मिक नेता, रविशंकर वाशिंगटन, डीसी में विश्व संस्कृति महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं.

29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक, तीन दिवसीय महोत्सव नेशनल मॉल में आयोजित किया जाएगा, जिसकी मेजबानी आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर और मेयर म्यूरियल बोसेर करेंगे.

चंद्रयान-3 की सफलता पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, रविशंकर ने कहा, “यह न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए गर्व का क्षण है कि हम इतनी कम अवधि और छोटे बजट के साथ बहुत सफलतापूर्वक सफल हुए हैं.” उन्होंने कहा कि इस चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाने वाली नारी शक्ति को भी प्रणाम है.

उन्होंने कहा, “इतनी सारी महिलाओं ने इस मिशन के लिए काम किया है और यह दिल को छू लेने वाला है.”

सूर्य की ऊर्जा की खोज के लिए इसरो के नए मिशन आदित्य एल1 को लेकर भी उत्साहित दिखे. रविशंकर ने कहा कि यह भी पिछले मिशन की तरह ”सफल” होगा.

आध्यात्मिक गुरु ने यह भी साझा किया कि एक दिन पहले उन्होंने इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ से बात की थी और उनसे कहा था कि “सब ठीक हो जाएगा और हम सब की प्रार्थनाएं और दुआएं उनके साथ हैं.”

भारत के लोकतंत्र पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ”भारत सबसे पुराना और सबसे बड़ा लोकतंत्र है. यहां तक कि छोटे गांवों में भी, जहां केवल 5,000-7,000 आबादी है, वहां भी लोग आकर काम कर रहे हैं. भारत में फ्रेंचाइज़ी के बारे में कहीं अधिक जागरूकता है जितनी आप कहीं और देख सकते हैं. तो उस अर्थ में, हां, यह एक मजबूत लोकतंत्र है.”

विश्व संस्कृति महोत्सव 2023 के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्सव का मुख्य फोकस मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे होंगे.

इस बीच, डीसी मेयर म्यूरियल बोसेर ने उत्सव के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “हम यह घोषणा करते हुए उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि वाशिंगटन डीसी 2023 में चौथे विश्व संस्कृति महोत्सव की मेजबानी करेगा.


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